उत्तर प्रदेश भारत का पसंदीदा निवेश गंतव्य बने इसके लिए एक प्रभावी नीति, विश्व स्तरीय अधोसंरचना एवं व्यावसायिक वातावरण का होना आवश्यक है जिससे उद्यमियों को कार्य करने में सुविधा हो तथा राज्य में आर्थिक विकास एवं जन समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो। उत्तर प्रदेश इस दिशा में पूर्ण समर्पण के साथ प्रयासरत है l
इन्वेस्ट इंडिया प्रोग्राम क्या हैं?
इन्वेस्ट इंडिया कार्यक्रम वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा उद्योग व्यापार एवं उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लांच किया गया है। यह साझेदारी प्रणाली से क्षेत्र-विशेष में पूँजी निवेश हेतु निवेशकों को आकर्षित करता हैं। टिकाऊ निवेश के अलावा, इन्वेस्ट इंडिया बहुपक्षीय संगठनों और पूंजीनिवेश एजेंसियों के साथ भी साझेदारी करता हैं। यह कार्यक्रम कई भारतीय राज्यों में वैश्वीकरण के प्रचार प्रसार हेतु भी सक्रिय रूप से काम करता हैं।
इन्वेस्ट इंडिया कार्यक्रम के फायदे:-
1- 'इन्वेस्ट इंडिया' भारत की आधिकारिक एजेंसियों में से एक हैं जो देश के किसी भी राज्य में निवेश की प्रक्रिया को सहज एवं सरल बनती है।
2- एफडीआई नीति के उदारीकरण से व्यापार की सुविधाएं सहज सुलभ हुई हैं तथा विदेशी पूँजी निवेश के प्रवाह में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई हैं।
3- इन्वेस्ट इंडिया कार्यक्रम निवेशकों को क्षेत्र विशेष की व्यवसाय सम्बंधी जानकारी दे कर नए उपक्रमों को स्थापित करने एवं लाभार्जन करने में सहायक होती हैl इसके अलावा, 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत 'इन्वेस्ट इंडिया' अन्य अनेक प्रचार एवं प्रसार कार्य भी करता हैं।
4- आंतरिक व्यापार और उद्योग संवर्धन विभाग इन्वेस्ट इंडिया कार्यक्रम की प्रगति की नियमित समीक्षा करता हैं।
5- इन्वेस्ट इंडिया कार्यक्रम केंद्र सरकार की निवेश प्रोत्साहन एजेंसी है जो देश में निवेश करने की प्रक्रिया को आकर्षक एवं लाभप्रद बनाने के चहुंमुखी प्रयास करती है।
इस कार्यक्रम को शिद्दत से लागु करने का ही परिणाम है कि पिछले साढ़े तीन साल में उत्तर प्रदेश को 1,88,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है। सीएम योगी ने निवेश को आमंत्रित करने के लिए 12 विभागों में अनुषंगी नीतियां बनाईं हैं और पूर्व के 186 नियमों में सुधार किया हैl नतीजतन, 156 कंपनियों ने विनिर्माण क्षेत्र में 48,707 करोड़ रुपये का निवेश किया हैं, जिससे उत्तर प्रदेश राज्य में एक लाख से अधिक नए रोजगार पैदा हुए हैं। अब तक 21 कंपनियों ने करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है l इसके अलावा 30 से ज्यादा कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में करीब 32,000 करोड़ रुपये की पूंजी लगाई है ।
स्पर्श इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने विनिर्माण क्षेत्र में 600 करोड़ रुपये तथा रिमझिम इस्पात ने कानपुर देहात में 550 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसकेअलावा केंट आरओ सिस्टम्स लिमिटेड ने नोएडा में 300 करोड़ रुपये और पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने लखनऊ में 205 करोड़ रुपये, तथा एमएम फोर्जिंग्स ने बाराबंकी में 150 करोड़ रुपये का निवेश किया है ।
इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में निवेश करने वाली कुछ कंपनियां वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, वीवो मोबाइल्स, ओप्पो मोबाइल्स, इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, होलीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सनवोडा इलेक्ट्रॉनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड आदि हैं।
नीतिगत बदलावों से कपड़ा क्षेत्र में भी अच्छे परिणाम आए हैं। इस सेक्टर में चार कंपनियों ने 6,320 करोड़ रुपये का निवेश किया। जिससे कानपुर एक बड़े टेक्सटाइल हब के रूप में उभरा है। गोरखपुर को टेक्सटाइल हब बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गई है।
यह सब हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी जी की नीतियां और कार्य योजना और उत्तर प्रदेश में यहाँ के कर्मयोगी व जनप्रिय मुख्यमंत्री योगी जी के युद्ध स्तरीय प्रयासों से संभव हो पाया है l
2 thoughts on “‘ इन्वेस्ट इंडिया ‘ में उत्तर प्रदेश का योगदान ।”
Maharaj ji uttar pradesh me bahut acha kaam kr rahe hai.
Aur ye is liye sambhav ho par ha hai. Kyonki inke man me n to swarth hai aur n hi kisi se bhed bhav
Mai berozgaar hu. Aur mai Swarozgaar Karna chahta hu. Lekin mere pass Paise nahi hai. Jiske karan mai Kuch nhi kr pa rha hu.