आज के आधुनिक समय में हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाता है, खासतौर श्रमिक कार्य करने वाली गर्भवती महिलाएं, लेकिन बड़ी परेशानियां तब सामने आती हैं, जब वे एक बच्चे को जन्म देती हैं और उन पर अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य की भी जिम्मेदारी आ जाती है। कुछ मामलों में ऐसा भी पाया गया है कि गर्भवती महिलाएं 18 वर्ष से भी कम की होती है जोकि महिला और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होता है। इन्हीं समस्याओं को समझते हुए भारत सरकार ने शुरू की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PM Matru Vandana Yojana)। इस योजना में 19 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं को बच्चों के जन्म पर 11,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकें। तो दोस्तों, आज के लोक पहल के इस लेख में आप जानेंगे कि कैसे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, कैसे इस योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इस योजना में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़ क्या हैं?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PM Matru Vandana Yojana) की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा वर्ष 2017 में शुरू की गई थी, जिसमें गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पहले बच्चे के जन्म पर 5,000 रुपए और दूसरे बच्चे के जन्म में बेटी का जन्म होने पर 6000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, इस तरह कुल 11,000 रुपए की सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना खासकर उन महिलाओं के लिए है जो असंगठित क्षेत्र में काम करती हैं और मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं ले पातीं। यह योजना महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ शिशु के बेहतर पोषण के लिए उन्हें प्रोत्साहित करती है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना उद्देश्य क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PM Matru Vandana Yojana) का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य देखभाल के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत महिलाओं को मातृत्व के दौरान पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद उनकी और नवजात शिशु की सेहत बेहतर बनी रहे। साथ ही, यह योजना गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करती है और शिशु मृत्यु दर तथा कुपोषण को कम करने में सहायक है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए क्या पात्रताएं होनी आवश्यक हैं?
- आवेदक भारत का मूल निवासी होना चाहिए
- आवेदक महिला की आयु कम से कम 19 वर्ष होनी चाहिए
- इस योजना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की महिलाएं भी पात्र हैं
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से क्या लाभ हैं?
- गर्भधारण के दौरान पहली किस्त में 1000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है
- पहली किस्त के 6 माह के बाद 2000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है
- बच्चे के जन्म के बाद तीसरी किस्त में 2000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है
- दूसरे बच्चे के जन्म में बेटी का जन्म होने पर 6000 रुपए की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए कौन-से दस्तावेज होने आवश्यक हैं?
- आवेदक महिला का आधार कार्ड
- आवेदक महिला का मूल निवास प्रमाण पत्र
- बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की आवेदन प्रक्रिया क्या है?
इस योजना में ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया काफी आसान है आप नीचे दिए गए तरीके से आवेदन कर सकते हैं -
- सबसे पहले आपको योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmmvy.wcd.gov.in पर जाना है,
- Home Page पर आपको Citizen Login का विकल्प दिखाई देगा, जिसपर आपको Click करना है
- वहां आपको मोबाइल नंबर और OTP डालकर Verify पर Click करना है
- अब आपको अपनी सभी जरूरी जानकारी ध्यानपूर्वक भरनी है और Create Account पर Click करना है
- उसके पश्चात आपको फिर से आधिकारिक वेबसाइट के Home Page पर जाकर Citizen Login पर Click करके, Mobile Number और OTP डालकर, Login कर लेना है
- अब आपको Data Entry पर Click करके Beneficiary Registration पर Click करना है
- उसके पश्चात आपके सामने आवेदन फॉर्म खुल जाएगा, जिसमें आपको अपनी सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक भरना है
- सभी जानकारी भरने के बाद जरूरी दस्तावेजों को Upload करके, आपको Final Submit पर Click करना है
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PM Matru Vandana Yojana) गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए एक सराहनीय पहल है, जो उनकी स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करके मातृत्व के दौरान आने वाली चुनौतियों को कम करती है और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करती है। शिशु और मातृ स्वास्थ्य में सुधार लाकर, यह योजना कुपोषण और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देती है, जिससे स्वस्थ और सशक्त समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होता है। यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार से जरूर साझा करें, ताकि वे भी इस योजना का लाभ उठा सकें।