भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लाखों किसान ऐसे हैं, जो सिंचाई के लिए डीजल पंप या अस्थिर बिजली आपूर्ति पर निर्भर रहते हैं। कभी बिजली समय पर नहीं मिलती, तो कभी डीज़ल के दाम उनकी जेब पर भारी पड़ते हैं। ऐसे में खेती करना न केवल महंगा, बल्कि जोखिम भरा भी हो जाता है। इन्हीं समस्याओं को समझते हुए सरकार ने एक ऐसी योजना शुरू की, जो किसानों को ऊर्जा संकट से मुक्ति दिलाने और उनकी खेती को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है- प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Pm Kusum Yojana)। इस योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप और बिजली उत्पादन की सुविधा दी जाती है, जिससे न सिर्फ उनकी खेती आसान होती है, बल्कि अतिरिक्त आय का भी स्रोत बनता है। आज के लोक पहल के इस लेख में आप जानेंगे कि कैसे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं? कैसे इस योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इस योजना में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़ क्या हैं?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना क्या है?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Pm Kusum Yojana) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसे वर्ष 2019 में ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सौर ऊर्जा आधारित पंपिंग सिस्टम, ग्रिड से जुड़े सोलर प्लांट और सोलर पंप लगवाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। जिससे किसानों को सस्ती और सतत ऊर्जा उपलब्ध हो सके और उन्हें अतिरिक्त आमदनी का अवसर भी मिले, क्योंकि वे अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेच सकते हैं। यह योजना किसानों को डीजल और बिजली के खर्च से मुक्ति दिलाकर पर्यावरण के अनुकूल खेती की ओर प्रोत्साहित करती है। यह योजना तीन प्रमुख घटकों में विभाजित है: ग्रिड से जुड़े सोलर पावर प्लांट, स्टैंड-अलोन सोलर पंप्स और मौजूदा पंपों का सौरकरण।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के घटक-A, घटक-B, घटक-C क्या हैं?
घटक-A के तहत किसानों को अपनी बंजर या अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की अनुमति दी जाती है। इन संयंत्रों से उत्पादित बिजली ग्रिड को दी जाती है, जिससे किसान वार्षिक किराया या लाभांश अर्जित कर सकते हैं। इस भाग का लक्ष्य 10,000 मेगावाट की सौर क्षमता स्थापित करना है।
घटक-B उन किसानों के लिए है जिनके खेतों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। इसमें सरकार 17.50 लाख स्टैंडअलोन सोलर पंप लगाने की योजना पर काम कर रही है।
घटक-C के तहत, जिन किसानों के पास पहले से ग्रिड से जुड़े सिंचाई पंप हैं, उन्हें सोलर में बदला जाता है। इससे वे न केवल अपनी सिंचाई जरूरतें पूरी कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बची हुई सौर बिजली को ग्रिड में भेजकर कमाई भी कर सकते हैं। इस भाग के तहत 10 लाख पंपों के सौरकरण का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का उद्देश्य क्या है?
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम योजना) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और कृषि क्षेत्र को सतत विकास की ओर ले जाना है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Pm Kusum Yojana) के अंतर्गत किसानों को डीज़ल या विद्युत चालित पंपों के स्थान पर सौर ऊर्जा से संचालित सिंचाई पंप प्रदान किए जाते हैं, जिससे सिंचाई की लागत में कमी आती है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता। इसके साथ ही, किसान अपनी बंजर या अनुपयोगी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर अतिरिक्त बिजली उत्पन्न कर सकते हैं, जिसे ग्रिड को बेचकर वे एक स्थायी आमदनी का स्रोत बना सकते हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार न केवल किसानों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना चाहती है, बल्कि उन्हें सशक्त बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करना चाहती है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना से क्या लाभ हैं?
- इस योजना के तहत किसानों को सौर पंप और सौर पैनल लगाने के लिए 60% (अधिकतम 2.66 लाख रुपए) तक की सब्सिडी मिलती है।
- इस योजना के माध्यम से किसान अतिरिक्त ऊर्जा को बेचना शुरू कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
- सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किसानों को बेहतर सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध कराता है, जिससे उनकी फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।
- यह योजना पर्यावरण को साफ रखने में मदद करती है क्योंकि यह पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की बजाय हरित ऊर्जा का प्रयोग बढ़ाती है।
- यह योजना किसानों को ऊर्जा की स्थिर और निरंतर आपूर्ति प्रदान करती है, जिससे उनका कृषि कार्य लगातार चलता रहता है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए क्या पात्रताएं होनी आवश्यक हैं?
- आवेदक किसान भारत का मूल निवासी होना चाहिए
- आवेदक किसान के पास खेती योग्य या खाली बंजर भूमि होनी चाहिए
- किसान की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए
- सोलर प्लांट लगवाने के लिए किसान की भूमि 'विद्युत सब स्टेशन' के 5 किलोमीटर के दायरे में होनी चाहिए
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए जरूरी दस्तावेज क्या हैं?
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- भूमि संबंधित दस्तावेज
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार से लिंक बैंक खाता
- मोबाइल नंबर
प्रधानमंत्री कुसुम योजना की आवेदन प्रक्रिया क्या है?
आपको बता दें, इस योजना में ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, हालांकि इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkusum.mnre.gov.in जारी कर दी गई है। लेकिन अभी तक Farmer Registration शुरू नहीं हुए हैं।
नोट - कृपया ध्यान दें, इस योजना के लिए कुछ जालसाज वेबसाइट्स चल रही हैं। जिनमें आपको रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा मिलती है, लेकिन रजिस्ट्रेशन के अंत में आपको ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए बोला जाता है। कृपया ऐसी किसी भी वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेंट न करें। इस योजना में ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आप नजदीकी किसान कल्याण विभाग में संपर्क कर सकते हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Pm Kusum Yojana) ग्रामीण भारत के किसानों के लिए एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपनी कृषि में सुधार करने का अवसर प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा मुहैया कराना है, ताकि वे सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों के लिए पारंपरिक बिजली और डीजल की निर्भरता को कम कर सकें। कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर पंप, सौर पैनल स्थापित करने और अतिरिक्त ऊर्जा बेचने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है। इससे न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार होता है, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ मिलता है, क्योंकि यह योजना हरित ऊर्जा का समर्थन करती है। यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें, ताकि वे भी इस योजना का लाभ उठा सकें। धन्यवाद!
FAQs
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पंप उपलब्ध कराना, कृषि कार्यों में स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना और उनकी आय को सौर ऊर्जा के माध्यम से बढ़ावा देना है।
किसान इस योजना के तहत कितनी सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं?
किसानों को सौर पंप और सोलर पैनल लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 60% तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे उनकी आर्थिक परेशानी काफी कम हो जाती है।
क्या यह योजना सिर्फ नए पंपों के लिए है या पुराने पंपों को भी बदला जा सकता है?
इस योजना के तहत डीजल या बिजली से चलने वाले पुराने पंपों को सौर ऊर्जा आधारित पंपों में बदला जा सकता है, साथ ही नए पंप भी लगाए जा सकते हैं।
योजना के तहत कितनी क्षमता के सोलर पंप लगाए जा सकते हैं?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Pm Kusum Yojana) के अंतर्गत 3 हॉर्सपावर (HP) से लेकर 7.5 HP तक के सोलर पंप लगाए जा सकते हैं, जो किसानों की सिंचाई जरूरतों के अनुसार तय किए जाते हैं।
योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली का क्या किया जा सकता है?
जो किसान ग्रिड से जुड़े सोलर पैनल लगाते हैं, वे अतिरिक्त बिजली को राज्य विद्युत बोर्ड को बेच सकते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो सकती है।