सरकार ने जल जीवन मिशन या हर घर जल योजना का एलान 2020-21 के बजट में किया था। इसका मकसद देश के सभी घरों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाना है। यह लक्ष्‍य पूरा करने के लिए 2024 तक का समय तय किया गया है। क्‍यों शुरू की गई जल जीवन मिशन (हर घर नल योजना)? देश के कई इलाकों में आज भी लोगों को साफ़ पानी के लिए कई किलोमीटर दूर तक चलकर जाना पड़ता है इसे देखते हुए ही सरकार ने यह स्‍कीम शुरू की है। इस योजना के तहत 2024 तक सरकार देश के ग्रामीण इलाकों में हर एक घर में पीने के पानी का कनेक्‍शन देगी। घरों तक पानी पहुंचाने के लिए एवं जल संरक्षण हेतु इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर तैयार किया जाएगा। लोगों को घर पर ही पीने का साफ पानी मिलेगा इसके लिए उन्‍हें कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी केवल 50 फीसदी घरों को ही पाइपलाइन से साफ पानी की आपूर्ति होती है। इसका दायरा बढ़ा कर 2024 तक हर घर नल, हर घर जल पहुँचाया जायेगा। उत्तर प्रदेश का योगदान उत्तर प्रदेश में ‘जल जीवन मिशन’ को रफ्तार देने की खातिर केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए 2,400 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। इससे राज्य में 78 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल का कनेक्शन मुहैया कराया जाएगा। दिसंबर 2021 तक राज्य के 60 हजार से अधिक गांवों में पेयजल आपूर्ति की परियोजनाएं चालू हो जाएंगी। मिशन के तहत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार के पास धनराशि की कमी नहीं पड़ेगी। चालू वित्त वर्ष के लिए राज्य के मद में 10,870 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष का 466 करोड़ रुपये बचा हुआ है। राज्य के हिस्से की धनराशि को मिलाकर उत्तर प्रदेश के पास चालू साल में 23,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश के 97 हजार गांवों के 2.63 करोड़ परिवारों में से केवल 32 लाख घरों में नल से जल की आपूर्ति होती है। ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा से पहले राज्य में केवल पांच लाख से कुछ ही अधिक यानी दो फीसद से भी कम घरों में नल कनेक्शन था। राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष में पांच जिलों को ‘हर घर जल’ आपूर्ति की योजना बनाई है। जल आपूर्ति परियोजनाओं की स्थापना, प्रबंधन, परिचालन और रख-रखाव के लिए बड़ी संख्या में मिस्त्रियों , प्लंबरों, इलेक्ट्रीशियनों, मोटर मैकेनिकों, पंप आपरेटरों आदि की जरूरत पड़ती है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जिलों-झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट के ग्रामीण इलाकों में नल जल आपूर्ति योजना की आधारशिला फरवरी 2019 में और विंध्याचल के मिर्जापुर तथा सोनभद्र जिलों की ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं की आधारशिला नवंबर 2020 में रखी गई थी। इनके पूरा होने पर यहां के 6,742 गांवों के 18.88 लाख घरों और 1.05 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचेगा। बुंदेलखंड, विंध्य, प्रयागराज और कौशांबी के लगभग 140 गांवों में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से ‘जल जीवन मिशन’ का कार्य चालू कर दिया गया है। इसी तरह आगा खान फाउंडेशन ने भी लखनऊ और सीतापुर के 40 गांवों में कार्य शुरू कर दिया है। टाटा ट्रस्ट ने राज्य के तीन जिलों बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती के 200 गांवों में तैयारी शुरू कर दी है। जनभागीदारी से ‘जल जीवन मिशन’ को आगे बढ़ाया जा रहा है।

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( उ.  प्र.)  चुनावी  सर्वेक्षण  2022
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