UP Kisan Samman Samridhi Aayog Yojana
अप्रैल 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषक समृद्धि आयोग का गठन किया था। आयोग का लक्ष्य 2022  तक  किसानों की आमदनी दोगुनी करना है। राज्यपाल की अनुमति से आयोग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं।  कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र इस आयोग के उपाध्यक्ष हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त इसके सदस्य, प्रमुख सचिव कृषि इसके सदस्य-सचिव, तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक इसके सरकारी सदस्य हैं। अन्तर्राष्ट्रीय चावल शोध संस्थान के डाक्टर यू एस सिंह, आईसीआरआईएसएटी हैदराबाद के महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक मंगला राय, गिरी संस्थान लखनऊ के प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार, आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर सुशील कुमार तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व निदेशक डाक्टर आर बी सिंह आयोग के गैर सरकारी सदस्य हैं। बाराबंकी के राम शरण वर्मा, बांदा के प्रेम सिंह, वाराणसी के जय प्रकाश सिंह, मुजफ्फर नगर के धर्मेंद्र मलिक, लखीमपुर खीरी के यशपाल सिंह, महोबा के अरविन्द खरे, बाराबंकी के मुइनुद्दीन, देवरिया के वेद व्यास सिंह, आजमगढ़ के जनार्दन निषाद कृषि प्रतिनिधि के रूप में आयोग में शामिल किये गए हैं। इसके अलावा आईटीसी और महिंद्रा एण्ड महिंद्रा के एक-एक प्रतिनिधि कारपोरेट प्रतिनिधि के रूप में शामिल किये गए हैं। आयोग की सदस्य्ता में 13 विशेष आमंत्री भी जोड़े गए हैं, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर आमंत्रित किया जाएगा। विशेष आमंत्री सदस्यों में निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद, कृषि निदेशक तथा सहकारिता, पशुधन, मत्स्य, उद्यान, रेशम, ऊर्जा, चीनी उद्योग, सिचाई, लघु सिंचाई, वन, खाद्य एवं रसद विभागों के प्रमुख सचिव शामिल हैं। मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, नीति आयोग के सदस्य और अधिकारियों के आलावा इसमें कुछ और लोगों को भी नामित किया गया है। आयोग में कुछ किसान प्रतिनिधियों को भी जगह दी गई है।  बाराबंकी के प्रसिद्ध किसान राम शरण शर्मा, बांदा के प्रगतिशील काश्तकार प्रेम सिंह, वाराणसी के प्रगतिशील किसान जय प्रकाश सिंह, भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी धर्मेंद्र मलिक, लखीमपुर खीरी के उन्नत पशुपालक जयशपाल सिंह, जैविक खेती में धान उगा चुके किसान अरविन्द खरे, बाराबंकी के फूल उत्पादक मनुद्दीन, अंडा प्रोडक्शन में कीर्तिमान बनाने वाले वेद व्यास सिंह और मछली उत्पादक जनार्दन निषाद आयोग में शामिल किए गए हैं। कृषि वैज्ञानिको और किसान प्रतिनिधियों के अलावा आयोग में कॉर्पोरेट जगत से महिंदा एंड महिंदा के प्रतिनिधि और आईटीसी के प्रतिनिधि शामिल हैं।   केंद्र सरकार की माने तो सिर्फ खेती के जरिए किसानों की आमदनी दोगुनी नहीं की जा सकती।  इसके लिए खेती के साथ-साथ पशुपालन और उससे जुड़े दूसरे व्यवसायों  को भी अपनाना होगा। शायद इसी को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने इस आयोग में पशुपालन में बेहतर काम करने वाले लखीमपुरी खीरी के यशपाल चौधरी और देवरिया जिले के वेद व्यास सिंह को शामिल किया है। वेद व्यास सिंह का अण्डों का बड़ा कारोबार है। उन्होंने बकायदा एक कंपनी बनाई हुई है।

टिप्पणी करें

Search
( उ.  प्र.)  चुनावी  सर्वेक्षण  2022
close slider