उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति – 2017

भारत एक उष्णकटिबंधीय (ट्रापिकल) देश है, जिसमें लगभग 300 दिन सौर विकिरण प्राप्त होता है।  फिर भी  देश के ऊर्जा भंडार  में सौर ऊर्जा का योगदान अत्यन्त न्यून है। देश में कुल स्थापित 329000 मेगावाट क्षमता में से  वर्ष 2017 तक सोलर क्षमता मात्र 12500 मेगावाट रही है। सौर ऊर्जा परियोजनाओं की आर्थिक व्यवहारिता तथा पारम्परिक (जीवाष्म ) ईंधन के मूल्यों में वृद्धि के कारण भविष्य में सौर पॉवर की मार्केट का बढ़ना  स्वाभाविक है। 

भारत सरकार का लक्ष्य है की वर्ष 2030 तक 40 प्रतिशत विद्युत उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त हो। इसके अंतर्गत वर्ष 2022 तक 100000 मेगावाट सोलर पॉवर का उत्पादन होगा  जिसमें से 40000 मेगावाट सोलर रूफटॉप से संचित होगा। 

राज्य में सौर ऊर्जा की संभावित क्षमता 22300 मेगावाट है, और राज्य सरकार का निर्धारित लक्ष्य  10700 मेगावाट का  है। सौर ऊर्जा परिनियोजन से राज्य में  निवेश आकर्षित होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।  नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक राज्य के लिए रूफटॉप सोलर पॉवर प्लाण्टों  की स्थापना हेतु निर्धारित 4300 मेगावाट क्षमता का  लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिससे सोलर स्ट्रीट लाईट, सोलर ऊर्जा कृषि पम्प एवं अन्य कई ऑफ़ ग्रिड उत्पाद संचालित होंगे। 

राज्य में सौर ऊर्जा पॉवर से विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए  राज्य सरकार द्वारा निम्न प्रावधान किये जायेगें।

1. एकल विण्डो किलेयरेंस प्रणाली:

राज्य नोडल एजेन्सी समस्त सोलर पॉवर परियोजनाओं हेतु आन लाईन एकल विण्डो किलेयरेंस प्रणाली लागू करेगी।

2. ऊर्जा बैंकिंगः

प्रत्येक वित्तीय वर्ष में ऊर्जा की बैंकिंग की अनुमति प्रदान की जायेगी, जो उत्तर प्रदेश कैपटिव रिन्यूएबल इनर्जी (CRE) रेग्यूलेशन-2014 तथा इनके अनुवर्ती संशोधन के अनुसार होगी।

3. इलेक्ट्रिसिटी डयूटी की माफ़ी:

प्रदेश में स्थापित समस्त सौर पॉवर परियोजनाओं से उत्पादित ऊर्जा का विक्रय 10 वर्ष तक इलेक्ट्रिकसिटी ड्यूटी से मुक्त होगा ।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एम.एन.आर.ई.) भारत सरकार द्वारा समय-समय पर सौर पॉवर परियोजनाओं को  एक्साईज ड्यूटी एवं कस्टम ड्यूटी से छूट दी जाएगी । सौर ऊर्जा के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए  राज्य सरकार दो संस्थानों /विश्वविद्यालयों  में सोलर टेस्टिंग एवं मानकीकरण सुविधाओं की स्थापना करेगी। 

भारत सरकार द्वारा लक्षित 100000 मेगावाट क्षमता सोलर की स्थापना हेतु समस्त राज्य एवं देश में अधिक मात्रा में सौर ऊर्जा तकनीकी में प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की आवश्यकता होगी। उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) के द्वारा विभिन्न कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा 10000 सूर्यमित्र तैयार किये जायेगें। सोलर पॉवर परियोजनाओं की स्थापना, संचालन एवं रखरखाव, सोलर उत्पादको की टेस्टिंग, सौर संसाधन मूल्यांकन आदि क्षेत्रों  में कौशल विकास किया जायेगा। प्रशिक्षण हेतु फण्ड नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ़ सोलर इनर्जी (एनआईएससी) एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से प्राप्त किये जायेगें।

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