मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना
बाल श्रम समाज के लिए अभिशाप है। यह कानूनी रूप से अपराध है। परिवार की आर्थिक स्थिति निम्न होने के कारण कई बच्चे पढ़ाई छोड़कर काम करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। बच्चों को लाभान्वित करने तथा उन्हें बाल श्रमिक के रुप में कार्य करने से रोकने हेतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 12 जून 2020 को अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश में बाल श्रमिक विद्या योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना का उद्देश्य बाल श्रम करने वाले बच्चों की शिक्षा को जारी रखना, मुख्य धारा से जोड़ना तथा उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना है। इस योजना में चयनित बालक को 1,000 रुपये जबकि बालिका को 1,200 रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाएगी। राज्य के जो श्रमिक बच्चे कक्षा 8, 9 व 10वीं में पढ़ रहे हैं, उन्हें उत्तीर्ण करने पर प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की अतिरिक्त आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी जिससे कि बच्चे अपने सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। इस योजना के अंतर्गत राज्य के 2000 निर्धन श्रमिक परिवार के बच्चों को लाभ प्रदान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार बाल श्रमिक विद्या योजना श्रमिकों के बच्चों को खुशहाल एवं स्वस्थ जीवन जीने के सक्षम बनाएगी। 8 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का प्रवेश विद्यालयों में होना चाहिए, परिवार की खराब स्थिति के कारण वे बालश्रम से जुड़ जाते हैं। ऐसे बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत चयन प्रक्रिया में बच्चों की पहचान श्रम विभाग के अधिकारियों की ओर से सर्वेक्षण, निरीक्षण में, ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकाय, चाइल्ड लाइन या विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा की जाती है। भूमिहीन परिवारों और महिला प्रमुख परिवारों के चयन के लिए 2011 की जनगणना सूची का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा जिन बच्चों के माता-पिता दोनों लोग या इनमें कोई एक दिव्यांग हों या फिर जिन बच्चों के माता-पिता किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हों तो उनके बच्चों को चयन मे प्राथमिकता दी जाएगी। इस प्राथमिकता के लिए चीफ मेडिकल ऑफिसर के द्वारा जारी एक सर्टिफिकेट देना होगा। या जिन बच्चों के माता-पिता दोनों या किसी एक की मृत्यु हो गई हो। इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के आठ से अठारह वर्ष की आयु के बच्चे ही उठा सकते हैं। इस योजना में आवेदन करने के लिए आवेदक को आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर, बैंक खाते का अकाउंट नंबर आदि दस्तावेज देने होंगे। उप्र बाल श्रमिक विद्या योजना के लिए आवेदन श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से भी कर सकते हैं। आवेदन स्वीकृत होने के बाद राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकती है।

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