आजादी के 75 वर्ष और कृषि क्षेत्र के वास्तविक सुधार और उत्तर प्रदेश

वास्तविक सुधार और उत्तर प्रदेश

आजादी के 75 वर्ष और कृषि क्षेत्र के वास्तविक सुधार और उत्तर प्रदेश

उस नौजवान की “पेशानी” पर

“रोजगार” की फ़िक्र

की बारीक रेखाएं मौजूद थीं।

वह उन्हें “हल्का”

अपने मुस्तकबिल को “भारी” करना चाहता था।

वह “धान” की “फसल” में खपने के बजाय

“मुलाज़मत” की “खेती” करना चाहता था।

“धान” की “फसल” उसे “मशक्कत” देती

“मुलाज़मत” उसे “बरकत”

मुलाज़मत का रकबा कम जरूर होता है पर ज्यादा मिल्कियत देता है।

वह अपनी नई “पहचान” दाखिल

करना चाहता है

वह “किसानी” छोड़कर “मुलाज़मत “करना चाहता है।

मिज़ाज

मिज़ाज की ये पंक्तियाँ वास्तव में एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौती बयां करतीं हैं जो कि हरित क्रांति के बाद कृषि क्षेत्र में विकास के अंतराल की एक कहानी है । मौजूदा कानूनों ने भारतीय किसानों को स्थानीय मंडी और बिचौलियों का गुलाम बना रखा था। देश में कृषक के अलावा उत्पादक की प्रत्येक श्रेणी को यह तय करने की स्वतंत्रता हासिल है उन्हें अपने उत्पाद को कहां बेचना है सिवाय भारतीय किसान के ! कृषि बाजारों में प्रस्तावित सुधार जिसकी प्रस्तावना एक भारत एक बाजार की दिशा का रास्ता पकड़ ले तो किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। कृषि क्षेत्र में सुधार के उपचार के रूप में 27 सितंबर 2020 को तीन कृषि से संबंधित अधिनियम सुधारों- को राष्ट्रपति ने अपनी स्वीकृति प्रदान की।

किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य( संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम 2020:

इस अधिनियम का उद्देश्य एक ऐसे बाजार तंत्र का निर्माण करना है जहां किसान तथा व्यापारी अपने कृषि उत्पादों का क्रय विक्रय अपनी इच्छा से कर सकें। यह सुधार किसानों और खरीदारों को कृषि उपज को यहां तक कि एपीएमसी मंडियों के बाहर भी बेचने की अनुमति देता है। इस तरह यह विधेयक पारदर्शी और अवरोध रहित अंतर राज्यीय और राज्य के अंतर्गत व्यापार को बढ़ावा देने के लिए किसानों को एक प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक व्यापारिक, रास्ता उपलब्ध कराना सुनिश्चित करता है।

मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम पर किसान ( सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अधिनियम 2020:

इस अधिनियम का उद्देश्य अनुबंध कृषि के लिए एक राष्ट्रीय ढांचे का निर्माण करना है। यह अधिनियम किसानों की सुरक्षा और सशक्तीकरण सुनिश्चित करते हुए उन्हें कृषि व्यवसाय से जुड़ी कंपनियों, प्रसंस्करण कर्ताओं, व्यापारियों, निर्यातकों या कृषि सेवाओं के बड़े खुदरा विक्रेताओं से जुड़ने में सक्षम बनाता है ताकि कृषक भविष्य की खेती की उपज की बिक्री के लिए एक उचित, पारदर्शी आपसी सहमति पर आधारित ऐसा मूल्य प्राप्त कर सकें जो उन्हें बेहतर और ज्यादा उत्पादन करने में सक्षम बनाये।

आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020:

इस अधिनियम का मूल उद्देश्य जिंसों जैसे, अनाजों, दालों, तिलहनों, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से निकालना है। यह सुधार असाधारण और आपातकाल परिस्थितियों को छोड़कर बार-बार ऊपर जाने वाले स्टॉक (भंडारण) करने की सीमा को समाप्त करना चाहता है।

कृषि सुधार उपचार बनाम व्याधि और किसान:

भारत में किसानों को लंबे समय से अपनी उपज को बेचने और अपने पारिश्रमिक लागत का उचित मूल्य प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा है। किसानों को राज्य सरकार के पंजीकृत लाइसेंस धारक आढ़तीया एजेंट को छोड़कर किसी अन्य को कृषि उपज को बेचने की मनाही है इसके साथ ही किसानों के लिए अधिसूचित एपीएमसी बाजार से बाहर कृषि उपज को बेचने पर प्रतिबंध है। एपीएमसी कानून की वजह से ही एक राज्य से दूसरे राज्य में कृषि उत्पाद के आवागमन में परिवहन से जुड़ी अनेक बाधाएं आतीं हैं।

अब तक की बाजार व्यवस्थाओं और एपीएमसी कानूनों की वजह से किसानों को विभिन्न प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता रहा है। सबसे प्रमुख बात किसानों से अंतिम उपभोक्ता तक उत्पाद पहुंचने की प्रक्रिया में असंख्य बिचौलियों की मौजूदगी है, इससे किसान अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त नहीं कर पाते हैं। इस संबंध में किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम 2020 किसानों के लिए बाजार के आकार को बढ़ाने का प्रावधान करता है जिससे किसान प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी उपज का वाजिब मूल्य प्राप्त कर सकें। मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अधिनियम 2020 किसानों को प्रसंस्करण कर्ताओं, थोक विक्रेताओं, एग्रीगेटर, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों के साथ व्यवसाय करने में पहले से बेहतर तरीके से सक्षम बनाएगी और उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए एक समान अवसर प्राप्त होगा। इस अधिनियम से किसान अपने जोखिम को प्रायोजक पर स्थानांतरित कर देंगे इसके अलावा किसानों को स्वयं बेहतर तकनीक से खुद को समर्थ बनाने का अवसर भी प्राप्त होगा। आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2000 जिसका उद्देश्य वास्तव में बाजार में अत्यधिक हस्तक्षेप को कम करना और निजी निवेशकों के दर्द को दूर करना जिससे की लेनदेन की प्रक्रिया और वितरण में निजी निवेश को आकर्षित किया जा सके।इन विचारों का सारांश यह है कि किसानों के लिए स्वतंत्र समावेशी बाजार लब्ध होना चाहिए।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में लगातार कृषि को लाभकारी बनाने के प्रयास जारी हैं । क्योंकि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार कृषि है, इसे लाभकारी बनाकर, न केवल उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर प्रदेश बन सकता है एक सशक्त उन्नत प्रदेश बनने की ओर अग्रसर हो सकता है। इस दिशा में विगत 4 वर्षों में भूमिहीन किसानों व छोटे किसानों को किसान सम्मान निधि योजना व खाद्यान्न की आसान खरीद प्रक्रिया के माध्यम से उन किसानों को सशक्त किया जा रहा है। जो उत्तर प्रदेश राज्य के वास्तविक किसान हैं व जिनके पास आय के अन्य स्रोत नहीं हैं।

विगत 4 वर्षों में उत्तर प्रदेश राज्य की प्रशासनिक क्षमता में अभिवृद्धि हुई है, निसंदेह इसका लाभ उत्तर प्रदेश राज्य में निजी निवेश के नए द्वार खोलेगा जिससे कृषि प्रसंस्करण की दिशा में उत्तर प्रदेश पूरे भारतवर्ष के लिए एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा सकता है। आवागमन के बेहतर साधनों ने कृषि उपज को छोटी मंडियों के दायरे से हटाकर राष्ट्रीय स्तर की मंडियों तक पहुंच बना दी है। इस दिशा में एक लोक पहल की आवश्यकता यह भी है कि सक्षम किसान उत्पादक के अलावा नियोक्ता की भूमिका में आगे आयें।

डॉ हर्ष मणि सिंह

अर्थशास्त्री

 

One thought on “आजादी के 75 वर्ष और कृषि क्षेत्र के वास्तविक सुधार और उत्तर प्रदेश

  • किसानों को आय दोगुना करने के लिए हमें किसानों को अन्तिम उत्पादन के रूप मे सशक्त बनना के लिए उनको प्रशिक्षण देना होगा।
    उदाहरण. मान लिया जाय या यहां देखा जाता हैं कि किसी वर्ष गाजर जैसे वस्तु का उत्पादन अधिक हुआ।तो निश्चित है कि गाजर का मूल्य निचे गिरेगा।
    हमें किसानों को गाजर से आचार या हलवा जैसे उत्पादन तैयार कराने का प्रयास करना चाहिए।

टिप्पणी करें

Search


Facebook




Instagram


Youtube

हमारे बारे में

हमारा उद्देश्य जनता तक डबल इंजन की सरकार द्वारा किए जा रहे जन कल्याणकारी कार्यों का सही लाभ उठाने में मदद करना है।

अन्वेषण करें

हमारा अभियान



PM Kisan Tractor Yojana

  • सामाजिक सरोकार
  • Sep 05, 2024


PM Kisan Tractor Yojana




Ramai Awas Yojana

  • सामाजिक सरोकार
  • Aug 29, 2024


Ramai Awas Yojana

© Copyright 2024 Lokpahal.org | Developed and Maintained By Fooracles



Facebook


Instagram


X-twitter


Youtube

Quick Links

Contact us

© Copyright 2024 Lokpahal.org | Developed and Maintained By Fooracles

( उ.  प्र.)  चुनावी  सर्वेक्षण  2022
close slider