Subhadra Yojana
भारत में आज भी ऐसी लाखों महिलाएं हैं जो रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कई तरह की चुनौतियों से जूझती हैं। कभी आर्थिक तंगी, तो कभी सामाजिक असुरक्षा। खासकर जब बात आती है घरेलू महिलाओं की, तो अक्सर
Read Moreभारत में आज भी ऐसी लाखों महिलाएं हैं जो रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कई तरह की चुनौतियों से जूझती हैं। कभी आर्थिक तंगी, तो कभी सामाजिक असुरक्षा। खासकर जब बात आती है घरेलू महिलाओं की, तो अक्सर
Read Moreदेश के लाखों गरीब और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए हर महीने का बिजली बिल एक बड़ी चिंता का विषय होता है। कभी-कभी आर्थिक तंगी के कारण ये परिवार समय पर बिल नहीं भर पाते,
Read Moreआज के दौर में जब बढ़ती जनसंख्या, ऊर्जा की बढ़ती मांग और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। भारत जैसे विकासशील देश में जहां एक बड़ी आबादी आज भी बिजली की
Read Moreआज देश की सबसे बड़ी ताकत उसका युवा वर्ग है। भारत जैसे विकासशील देश में हर साल लाखों युवा ग्रेजुएट होकर निकलते हैं, लेकिन उनके लिए न तो पर्याप्त नौकरियाँ हैं और न ही सभी के लिए
Read Moreभारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लाखों किसान ऐसे हैं, जो सिंचाई के लिए डीजल पंप या अस्थिर बिजली आपूर्ति पर निर्भर रहते हैं। कभी बिजली समय पर नहीं मिलती, तो कभी डीज़ल के दाम उनकी
Read Moreआज के आधुनिक समय में हर किसी के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि शिक्षा ही मनुष्य को जीवन में उचित रोजगार व सम्मान दिलाती है। शिक्षा किसी भी व्यक्ति के समग्र विकास की नींव होती है,
Read Moreशिक्षा किसी भी समाज की प्रगति की नींव होती है, लेकिन आर्थिक कठिनाइयां अक्सर मेधावी विद्यार्थियों के सपनों के बीच बाधा बन जाती हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना (Mukhyamantri Medhavi
Read Moreदेश की प्रगति में महिलाओं की शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन आज भी कई अल्पसंख्यक समुदायों की बेटियां आर्थिक तंगी के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थिति
Read Moreअक्सर देखा जाता है कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज इलाज के दौरान कमजोरी और कुपोषण का भी शिकार हो जाते हैं। दवाइयों के साथ संतुलित आहार न मिल पाने के कारण मरीजों की
Read Moreराजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां बड़ी संख्या में लोग पशुपालन के माध्यम से अपनी आजीविका चलाते हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुओं की भूमिका केवल दूध उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि ये परिवारों की वित्तीय सुरक्षा
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