देश में नारी शक्ति को बढ़ावा देने के पावन उद्देश्य से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की। इस योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ावा मिल रहा है व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं इस योजना के तहत आत्मनिर्भर बन रही हैं। वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने योजना की शुरुआत की। जिसके जरिए ग्रामीण महिलाओं को कृषि कार्यों में ड्रोन के इस्तेमाल का उच्च प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह योजना प्रधानमंत्री मोदी जी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसके अंतर्गत मोदी सरकार ने अगले 5 सालों में करीब 1 लाख ग्रामीण महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी योजना के अन्तर्गत लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

पीएम मोदी जी की नमो ड्रोन दीदी योजना देशभर में कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से संचालित की जा रही है। जिसके माध्यम से पहले ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन चलाने व ड्रोन के रख-रखाव का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि महिलाएं कृषि कार्यों में ड्रोन का इस्तेमाल ठीक प्रकार से कर सकें। इस योजना के जरिए जहां एक ओर महिलाएं सशक्त बनेगी, तो वहीं दूसरी ओर कृषि कार्यों में लगने वाली लागत भी कम होगी। नमो ड्रोन दीदी योजना के माध्यम से ड्रोन स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा व ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन का प्रशिक्षण देने के लिए ड्रोन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर भी खोले जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।

मोदी सरकार द्वारा अंतरिम बजट 2024 में भी नमो ड्रोन दीदी योजना के बजट को 2.5 गुना बढ़ाकर ₹500 करोड़ कर दिया है, जिससे कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी उन्नत हो और महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ा जा सके। पीएम मोदी की यह योजना खेती में नए आयाम स्थापित करने का कार्य कर रही है और महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करा रही है। इस योजना के अंतर्गत जब ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है, तब महिलाएं ड्रोन के जरिए फसलों पर निगरानी रखती है और कीटनाशकों व उर्वरक का छिड़काव आदि कार्य भी महिलाओं द्वारा संपन्न किए जाते हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना का फायदा उन ग्रामीण महिलाओं को प्राप्त हो रहा है, जोकि ग्रामीण स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य हैं और जिनकी आयु 18 वर्ष से लेकर 37 वर्ष तक है। मोदी जी के नेतृत्व में प्रत्येक गांव और शहर में स्वयं सहायता समूह बनाए जा रहे हैं, जिसके जरिए महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक तौर पर सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही जो भी महिला स्वयं सहायता समूह सरकार की इस योजना के अंतर्गत ड्रोन खरीदने की इच्छुक हैं, उस समूह को सरकार द्वारा उचित सब्सिडी भी दी जाती है।

इस योजना के अंतर्गत लाभ पाने वाली महिलाओं के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोन नंबर, निवास प्रमाण पत्र, ईमेल आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो और स्वयं सहायता ग्रुप का पहचान पत्र आदि दस्तावेज आवश्यक होने चाहिए, अन्यथा किसी भी महिला को नमो ड्रोन दीदी योजना का फायदा प्राप्त नहीं होता है।

नमो ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत चयनित महिलाओं को 15 दिनों तक ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है और प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कामगार महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से ₹15000 मासिक वेतन के तौर पर भी मिलते हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत केवल महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त नहीं बनाया जा रहा है बल्कि इस योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र को भी काफी फायदे होंगे। इससे खेती के लिए पेस्टीसाइड और फर्टिलाइजर की खपत भी कम होगी और किसानों व महिलाओं को कृषि में आमदनी का नया जरिया मिलेगा, समय की बचत होगी व कृषि लागत भी अपेक्षाकृत कम होगी।

नमो ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत एक ड्रोन दीदी को 4-5 गांव के क्लस्टर के रूप में कृषि कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, ताकि तकनीक के माध्यम से कृषि कार्य आसानी से संपन्न हो सकें। खेती में छिड़काव का कार्य जब महिलाओं द्वारा ड्रोन के जारी किया जाएगा, तब इससे मजदूरों को छिड़काव के समय होने वाली स्वास्थ्य परेशानियों से भी छुटकारा मिल जाएगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। योजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन करने के लिए मोदी सरकार ने अभी किसी भी प्रकार आधिकारिक वेबसाइट जारी नहीं की है, देश की करीब 15000 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी योजना का फायदा पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि कृषि क्षेत्र में तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग हो और महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सके।

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( उ.  प्र.)  चुनावी  सर्वेक्षण  2022
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