वक्तागण एवं विचार माला
प्रो० कीर्ति सिंह (पूर्व कुलपति, आचार्य नरेंद्र देव कृषि वि. वि.)- कीर्ति जी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने आचरण से जातिवाद व अपराधीकरण से लड़ सकता है।
डॉ अविनाश पाथरडीकर- अविनाश जी ने राजनीति, जाति व अपराधीकरण के समीकरण को समझते हुए कहा कि धर्म दीर्घकालिक राजनीति है और राजनीति अल्पकालिक धर्म है। धर्म अच्छाई पर चलने का मार्ग है और राजनीति बुराई से लड़ने का अस्त्र है।
कार्यक्रम द्वारा अनुशंसित विचार/ कार्ययोजना/प्रक्रिया
देश का लोक जीवन सांस्कृतिक निष्ठा, मंदिरों और तीर्थ स्थलों में निहित है। देश की चेतना मंदिरों में है। देश राजा के सामने नहीं झुकता, यह देश मंदिरों के सामने झुकता है। आम आदमी के राम को गांधी ने अंगीकार किया। लोक पहल ऐसे ही राम के आदर्शों का भारत बनाने एवं लोकतंत्र की अनेक विकृतियों का समाधान करने का प्रयास कर रहा है। तंत्र की क्रूरता को लोक शक्ति से रोका जाए। वोटों के भिखारी रावण हैं। जो सीता का अपहरण करने आते हैं। तंत्र जितना क्रूर होगा, लोक उतना कमजोर होगा।
कार्यक्रम विचार
डॉ मान सिंह जी का सम्मान किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो0 कीर्ति सिंह रहीं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ ऋषिकेश सिंह जी ने किया।
मुख्य अतिथि का परिचय प्रो० संतोष सिंह जी ने दिया।
लोक पहल के विषय मे जानकारी डॉ बी.के. सिंह जी ने दी।
अतिथि स्वागत डॉ अजय कुमार दूबे जी ने किया।
आभार डॉ आलोक चौहान जी ने व्यक्त किया।
विषय प्रवर्तन डॉ अविनाश पाथरडीकर ने किया।