Bhagini Prasuti Sahayata Yojana

जब पेट में ज़िंदगी पल रही हो और जेब में पैसे न हों, तब 20,000 रुपए की मदद किसी मां के लिए सबसे बड़ी राहत है! सुबह से शाम तक मज़दूरी करने के बाद जब आप थककर बैठती हैं, तब भी पेट में पल रही उस नन्ही जान की चिंता सबसे ऊपर होती है। काम न करो तो घर कैसे चले? करो तो शरीर साथ नहीं देता। ऊपर से डॉक्टर की जांच, दवाइयाँ और प्रसव का खर्च, ये सब सोचकर मन घबराने लगता है। ऐसे में अगर कोई आपकी मेहनत को समझे और बिना मांगे मदद का हाथ बढ़ा दे, तो यह एक सुकून जैसा लगता है। भगिनी प्रसूति सहायता योजना (Bhagini Prasuti Sahayata Yojana) एक ऐसी ही कोशिश है, जो श्रमिक महिलाओं को आर्थिक सहायता देकर उनके मातृत्व को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाने का संकल्प लेती है। आज लोक पहल के इस लेख में आप जानेंगे कि कैसे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं? कैसे इस योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इस योजना में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़ क्या हैं?

भगिनी प्रसूति सहायता योजना क्या है?

भगिनी प्रसूति सहायता योजना (Bhagini Prasuti Sahayata Yojana), जिसे अब 'मिनीमाता महतारी जतन योजना' के नाम से भी जाना जाता है, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही एक विशेष कल्याणकारी योजना है। इस योजना के अंतर्गत पहली या दूसरी बार मां बनने वाली श्रमिक महिलाओं को ₹20,000 रुपए की एकमुश्त राशि दी जाती है, जो बच्चे के जन्म के बाद सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। लाभ प्राप्त करने के लिए गर्भावस्था की पुष्टि डॉक्टर, मितानिन या ANM से कराना अनिवार्य होता है। यदि प्रसव के दौरान महिला की मृत्यु हो जाती है, तो यह राशि उसके पति को प्रदान की जाती है। यह योजना गर्भावस्था के समय महिला को आर्थिक राहत प्रदान करने और मातृत्व को सम्मान देने की दिशा में एक सशक्त कदम है।

भगिनी प्रसूति सहायता योजना का उद्देश्य क्या है?

भगिनी प्रसूति सहायता योजना (Bhagini Prasuti Sahayata Yojana) का मुख्य उद्देश्य राज्य की निर्माण क्षेत्र में कार्यरत महिला श्रमिकों को गर्भावस्था के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे इस विशेष समय में काम और परिवार के बीच संतुलन बनाए रख सकें। गर्भावस्था के दौरान महिला का शरीर कई बदलावों से गुजरता है और उसे विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण ज़्यादातर श्रमिक महिलाएं उचित पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं नहीं ले पातीं। इस योजना के ज़रिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी श्रमिक महिला सिर्फ पैसों की कमी के कारण अपनी या अपने बच्चे की सेहत से समझौता न करे। आर्थिक सहारा देकर सरकार महिलाओं के आत्मसम्मान और मातृत्व की गरिमा को भी मज़बूती प्रदान करती है।

भगिनी प्रसूति सहायता योजना के लिए क्या पात्रताएं होनी आवश्यक हैं?

  1. आवेदक महिला छत्तीसगढ़ की स्थायी निवासी होनी चाहिए
  2. आवेदक महिला भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिक होनी चाहिए
  3. आवेदक महिला का निर्माण श्रमिक के रूप में 1 वर्ष पूर्व पंजीयन होना चाहिए

भगिनी प्रसूति सहायता योजना के लिए जरुरी दस्तावेज क्या हैं?

  1. आधार कार्ड
  2. निवास प्रमाण पत्र
  3. आय प्रमाण पत्र
  4. आयु का प्रमाण
  5. श्रमिक पंजीयन प्रमाण पत्र
  6. स्वयं व्दारा जारी प्रमाण पत्र या ए.एन.एम व्दारा देय जच्चा बच्चा कार्ड
  7. स्व घोषणा पत्र
  8. पासपोर्ट साइज फोटो
  9. बैंक पासबुक
  10. मोबाइल नंबर

भगिनी प्रसूति सहायता योजना की आवेदन प्रक्रिया क्या है?

  1. सबसे पहले आपको सरकार द्वारा शुरू की गई आधिकारिक वेबसाइट shramevjayate.cg.gov.in पर जाना है
  2. वहां आपको संसाधन के विकल्प पर जाकर योजनाओं के विकल्प पर क्लिक करना है
  3. उसके बाद आपके सामने अनेक योजनाओं के नाम आ जाएंगे, वहां आपको 'मिनीमाता महतारी जतन योजना' के सामने 'आवेदन करें' पर क्लिक करना है
  4. अब आपके सामने 2 स्वघोषणा पत्र डाउनलोड करने का विकल्प आ जाएगा, जिन्हें डाउनलोड करके भर लेना है
  5. इतना करने के बाद आपको दस्तावेजों की फोटो कॉपी के साथ इन स्वघोषणा पत्रों को सरकारी अस्पताल या श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में जमा कर देना है

आवेदन की स्थिति कैसे जानें?

  1. सबसे पहले आपको सरकार द्वारा शुरू की गई आधिकारिक वेबसाइट shramevjayate.cg.gov.in पर जाना है
  2. वहां आपको संसाधन के विकल्प पर जाकर योजनाओं के विकल्प पर क्लिक करना है
  3. उसके बाद आपके सामने अनेक योजनाओं के नाम आ जाएंगे, वहां आपको 'मिनीमाता महतारी जतन योजना' के सामने 'आवेदन करें' पर क्लिक करना है
  4. अब आपको "योजना हेतु रिकॉर्ड खोजें" में अपना जिला चुनकर, पंजीयन क्रमांक डालना है और 'विवरण देखे' पर क्लिक करना है, आपके आवेदन की स्थिति आपके सामने आ जाएगी

गीता देवी ने उठाया लाभ

कोरबा जिले की गीता देवी, एक निर्माण स्थल पर रोज़ ईंट ढोने का काम करती थीं। जब उन्हें तीसरी बार गर्भधारण का पता चला, तो उन्होंने काम छोड़ने की सोची, लेकिन घर की आर्थिक हालत ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे आठवां महीना भी काम करती रहीं। थकी हुई देह और मन के बीच उम्मीद तब जगी जब मितानिन बहन ने उन्हें भगिनी प्रसूति सहायता योजना (Bhagini Prasuti Sahayata Yojana) के बारे में बताया। सभी दस्तावेज़ पूरे करके आवेदन किया और बच्चे के जन्म के कुछ ही हफ्तों बाद ₹20,000 रुपए की राशि सीधे उनके बैंक खाते में आई। उस पैसे से उन्होंने बच्चे के लिए ज़रूरी दवाइयाँ, पौष्टिक आहार और कुछ बचत की। गीता कहती हैं, “ये सिर्फ पैसे नहीं थे, ये भरोसा था कि सरकार सच में हमारी सुनती है।

निष्कर्ष

भगिनी प्रसूति सहायता योजना (Bhagini Prasuti Sahayata Yojana) जैसे प्रयास यह साबित करते हैं कि सरकार समाज के सबसे मेहनतकश वर्ग, श्रमिक महिलाओं की ज़रूरतों को गंभीरता से समझती है। मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खास अनुभव होता है और जब इस सफर में आर्थिक सहारा मिल जाए, तो आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना और भी गहरी हो जाती है। ₹20,000 रुपए की यह सहायता राशि केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि एक सम्मान है उस मां के लिए, जो रोज़ अपनी मेहनत से समाज को गढ़ रही है। ऐसी योजनाएं महिला सशक्तिकरण की असली मिसाल हैं, जो ज़मीन से जुड़ी ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाती हैं। यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें, ताकि वे भी इस योजना का लाभ उठा सकें। धन्यवाद!

FAQs

भगिनी प्रसूति सहायता योजना क्या है?

यह छत्तीसगढ़ सरकार की एक कल्याणकारी पहल है, जिसके तहत राज्य की पंजीकृत महिला श्रमिकों को गर्भावस्था के दौरान ₹20,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे सुरक्षित और सम्मानजनक मातृत्व अनुभव कर सकें।

इस योजना के तहत ₹20,000 रुपए कब और कैसे मिलते हैं?

भगिनी प्रसूति सहायता योजना (Bhagini Prasuti Sahayata Yojana) के तहत ₹20,000 रुपए की राशि बच्चे के जन्म के बाद महिला के बैंक खाते में एकमुश्त ट्रांसफर की जाती है, बशर्ते सभी दस्तावेज़ पूरे हों और आवेदन स्वीकृत हो जाए।

क्या यह योजना सभी महिलाओं के लिए है?

नहीं, यह योजना केवल उन महिलाओं के लिए है जो छत्तीसगढ़ राज्य में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हैं और जिनका नाम श्रमिक कल्याण मंडल में कम से कम 90 दिन पूर्व दर्ज है।

यदि प्रसव के दौरान महिला की मृत्यु हो जाए तो राशि किसे मिलती है?

यदि किसी कारणवश प्रसव के दौरान महिला की मृत्यु हो जाती है, तो ₹20,000 रुपए की सहायता राशि महिला के पति को प्रदान की जाती है।

इस योजना के लिए आवेदन कैसे किया जा सकता है?

आवेदन श्रमिक कल्याण मंडल के ज़रिए या अधिकृत जनसुविधा केंद्रों के माध्यम से किया जा सकता है। साथ में आवश्यक दस्तावेज़ जैसे श्रमिक पंजीकरण, गर्भावस्था का प्रमाण और बैंक डिटेल्स देना अनिवार्य होता है।

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( उ.  प्र.)  चुनावी  सर्वेक्षण  2022
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