उत्तर प्रदेश के कामगारों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत सरकार श्रमिकों, कारीगरों, शिल्पकारों और दस्तकारों को आर्थिक मदद मुहैया करती है, ताकि उपरोक्त वर्ग के लोगों को अपना रोजगार शुरू करने के लिए दर-दर भटकने की आवश्यकता ना पड़े।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरुआत इसलिए की, ताकि राज्य के कुशल कारीगरों को छोटा या लघु उद्योग स्थापित करने में आर्थिक मदद मिल सके। इसके साथ ही इस योजना के तहत सरकार संबंधित कौशल से जुड़ा प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के बाद टूल किट भी प्रदान करती है।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरुआत माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने वर्ष 2023 में की है। जिसके अंतर्गत राज्य के श्रमिक और मजदूर वर्ग के लोगों को लघु उद्योग स्थापित करने के लिए 10 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद दी जाती है।
योगी सरकार का ऐसा मानना है कि राज्य के भीतर कुशल कामगारों की कमी नहीं है लेकिन उचित साधन मौजूद न होने पर कारीगर अपने हुनर का ठीक तरीके से प्रदर्शन नहीं कर पाते। इसी समस्या का समाधान करने के लिए योगी सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरुआत की है।
इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों और मजदूर वर्ग जैसे, बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, लोहार, कुम्हार, हलवाई ,मोची, नाई , सुनार आदि को लघु उद्योग स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान दिया जाता है। इसके अलावा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत कारीगरों और दस्तकारों को नि:शुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है, ताकि उचित कौशल प्राप्त करके कारीगर अपना काम शुरू कर सकें। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण मिलने के बाद कामगारों को सरकार द्वारा टूलकिट भी प्रदान की जाती है। इसके तहत योगी सरकार कामगारों के लिए उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र की चयन समिति के माध्यम से साक्षरता अभियान भी चलाएगी।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्र में रहने वाले कुशल व अकुशल कारीगरों को प्राप्त होगा। जिन्हें पहले 6 दिन नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, उसके बाद लघु उद्योग स्थापित करने हेतु ऋण की सुविधा मिलेगी। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का लाभ पाने के लिए कामगारों को संबंधित कारीगरी से जुड़े होने का प्रमाण पत्र प्रमुख दस्तावेज के तौर पर लगाना होगा। इसके अलावा आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर आदि की भी जरूरत इस योजना का लाभ पाने के लिए कामगारों को पड़ेगी।
इस योजना का फायदा केवल उत्तर प्रदेश के निवासी कामगारों को प्राप्त होगा। केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार योगी जी ने इस योजना की शुरुआत राज्य के कामगारों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने और बेरोजगारी दर को कम करने हेतु की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के कामगारों को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वह अपना और अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से कर सकें। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के उन कामगारों को ही फायदा मिलेगा जोकि उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हो और जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो, हालांकि राज्य विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का फायदा पाने के लिए कामगारों को किसी भी प्रकार का शैक्षिक दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी। किसी भी परिवार के केवल एक ही व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सकता है।
योजना का लाभ पाने के लिए आप नीचे दिए गए बटन पर जाकर क्लिक करें।
इसके बाद आप अपनी समस्त जानकारी ऑनलाइन आवेदन करते समय भर दें।
ऑनलाइन आवेदन करते समय आवेदक अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, बैंक खाता और जरूरी दस्तावेज आदि जरूर सबमिट करें।
इसके बाद आपकी समस्त जानकारियां और दस्तावेजों का सत्यापन होने के बाद आपको उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का लाभ प्राप्त हो जाएगा। योजना से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी पाने के लिए आप राज्य सरकार की हेल्पलाइन नंबर 1800 1800 888 पर कॉल करके आसानी से अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं और इस योजना से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी हासिल कर सकते हैं।











