उत्तर प्रदेश के नागरिकों के मध्य लोक पहल का सशक्त वैचारिक हस्तक्षेप है। लोक पहल के विचार दर्शन के प्रणेता पूज्य स्वामी चिन्मयानंद जी महाराज की वैचारकी को लोकपहल का कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश के जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। वर्तमान समय दो कारणों से विशेष रूप से जनक्रांति की प्रतीक्षा कर रहा है प्रथम आता है कोविड-19 की समस्या तथा द्वितीय संविधान एवं विधि के अनुसार उत्तर प्रदेश की शासन व्यवस्था जिस व्यवस्थित क्रम में प्रगति कर रहा है उसको किस प्रकार निरंतरता में बनाए रखें? यह यक्ष प्रश्न उत्तर प्रदेश की जनता के सम्मुख है। उत्तर प्रदेश का यह सौभाग्य है उसे एक सन्यासी मुख्यमंत्री मिला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी व्यक्ति नहीं विचार हैं। कर्म मेंआकंठ डूबे हुए निरंतर कर्मयोगी हैं। गीता का निष्काम कर्म योग पूज्य योगी जी में दिखाई देता है। त्याग और वैराग्य जहां एक स्थान पर मिल जाते हैं उसकी भाव संज्ञा पूज्य योगी आदित्यनाथ जी हैं। भारत का नेतृत्व भी तपोनिष्ठ कर्मयोगी के हाथ में है। 21 वीं शताब्दी का तीसरा दशक अद्भुत संयोग का सृजन कर रहा है जिसे योगी-मोदी युग्म कहना समीचीन होगा। यह असाधारण कालखंड है। पूज्य स्वामी चिन्मयानंद जी महाराज ने इतिहास के इस पदचाप की आहट को अंतर्मन में अपने जागृत विवेक से महत्वपूर्ण स्पंदन की गहरी अनुभूति की है। पूज्य स्वामी जी के शब्द- शब्द मेरे अंतर्मन के भाव तरंगों को उद्वेलित कर रहे थे और वैचारिक उर्जा प्रदान कर रहे थे। स्वामी जी का प्रयागराज का संक्षिप्त प्रवास।डा आलोक चौहान सर का स्नेहिल संरक्षण,डा विजय कुमार सर का कुशल और आत्मीय नेतृत्व ,प्रोफेसर गिरीश सर का संरक्षणत्व में पूज्य स्वामी चिन्मयानंद जी के कर कमलो से लोक पहल के बरगद रुपी राई/सरसों से क्षुद्र वैचारिक बीज का भारत की रत्नगर्भा वशुंधरा में आरोपण कर दिया है। यह एक ऋषि का संकल्प और सपना है। यह एक ऋषि की तरंग है जो अपनी यात्रा संपूर्ण करेगी और भारत की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक विकृतियों का समाधान करेगी। लोक पहल का कार्यकर्ता स्वामी जी वैचारिक निर्देशन में इस विचार क्रांति को आगे बढ़ाएगा इस प्रत्याशा में कोई संशय नहीं है। लोक पहल दीर्घकालिक संकल्प संकल्पना है। परंतु लोक पहल का अल्पकालिक धर्म या आपद् धर्म भी है। आपद् धर्म है विधर्मीयों से राष्ट्र और प्रदेश की रक्षा करना। सनातन के प्रति अंतरराष्ट्रीय षड़ यंत्र और साजिश निरंतर चल रही है। हिंदुत्व, संस्कृति ,सभ्यता और राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए भारत माता के सन्यासी पुत्र का देश की सबसे बड़ी जनसंख्या अर्थात 24 करोड़ जनसंख्या वाले राज्य, उत्तर प्रदेश का पुनः शक्ति केंद्र बनाना आवश्यकता नहीं वरन भारत वासियों की अनिवार्यता है । लोक पहल के प्रत्येक प्रहरी राष्ट्र के धधकती अग्निकुंड में अपनी आहुति अवश्यमेव में सुनिश्चित करेगा।दृढ़ संकल्प के साथ।
डा अखिलेश त्रिपाठी
संयोजक
लोक पहल विश्वविद्यालय/महाविद्यालय प्रभाग
पूर्वी उत्तर प्रदेश