देश में जनसंख्या के साथ-साथ बेरोजगारी भी निरंतर बढ़ती जा रही है, जिसमें युवा बेरोजगारों की संख्या अधिक है। केंद्र व राज्य सरकार बेरोजगारों की संख्या को कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कई तरह की योजनाएँ चलाई जाती हैं, जिससे युवा बेरोजगारों के लिए रोजगार का सृजन किया जा सके। उत्तर प्रदेश में भी ग्रामीण क्षेत्रों के युवा बेरोजगार, विशेषकर गरीब शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बड़े पैमाने पर है, जो बड़ी संख्या में शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन कर रहे हैं।
इस योजना में निर्धन युवा बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य़ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रं के युवाओं को 10 लाख तक का ऋण आर्थिक सहायता के रुप मे प्रदान किया जाएगा ताकि वे स्वयं का रोजगार शुरू कर सकें। यह योगी सरकार की एक शानदार पहल है। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे वरन राज्य का समग्र विकास भी होगा। तकनीकी व व्यवहार्यता के अनुसार बैंकों से परियोजना की मंजूरी प्रदान की जाएगी।
आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला, भूतपूर्व सैनिक व दिव्यांग) के युवाओं को समस्त ब्याज की धनराशि ब्याज उपादान के रूप में विभाग से मात्र टर्म लोन (पूंजीगत ऋण) पर अनुमन्य है। कुल परियोजना लागत में सामान्य श्रेणी के पुरुष लाभार्थियों को अपना स्वयं का अंशदान 10 प्रतिशत एवं आरक्षित श्रेणी के लाभार्थियों का 5 प्रतिशत होगा। सामान्य श्रेणी के पुरुष परियोजना लागत का 4 प्रतिशत ब्याज वहन करेंगे। आरक्षित वर्ग को ब्याज पर शत-प्रतिशत छूट है।
यह योजना ग्रामीण इलाकों के युवाओ के लिए ही है। ग्राम प्रधान स्वरोजगार के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देगा। इस योजना में आईटीआई या पॉलिटेक्निक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं, परंपरागत कारीगरों, सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत उद्यमियों, एसजीएसवाई और शासन की अन्य योजना से प्रशिक्षित युवा तथा स्वरोजगार में रुचि रखने वाली युवक तथा युवतियों को चयन में प्राथमिकता मिलेगी।
