उत्तर प्रदेश में महिलाएँ न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे रही हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने यूपी बीसी सखी (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी) योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना की शुरूआत 22 मई 2020 को उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा किया गया है।
इस योजना के तहत 58 हजार महिलाओं को रोजगार प्रदान किया जाएगा। बीसी सखी योजना को आरंभ करने के पीछे उत्तर प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध कराना तथा डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है। यूपी बीसी सखी योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएँ डिजिटल मोड के माध्यम से लोगों के घर-घर बैंकिंग सेवाएँ और पैसे का लेन-देन करेंगी, जिससे ग्रामीण लोगों को सुविधाएँ होगी और महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।
ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आने वाली उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत यूपी बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट पदों के लिए इस समय 3808 पद रिक्त घोषित किए गए हैं। इन पदों पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली 10वीं पास महिलाएँ भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगी। बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी को 6 महीने तक 4 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएँगे। बैंकिंग डिवाइस खरीदने के लिए भी 50 हजार रुपये दिए जाएँगे। इसके अतिरिक्त बैंक भी उनको लेन-देन पर कमीशन देंगे, जिससे उनकी हर महीने आय निश्चित हो जाएगी। सरकार द्वारा एक कॉरेस्पोंडेंट सखी को तैयार करने में 74000 रुपये का खर्च आएगा। इन महिलाओं के मुख्य कार्य गाँव-गाँव जाकर ग्रामीणों को बैंकिंग के प्रति जागरूक बनाना, बैंक खाते में जमा व निकासी करवाना, जनधन सेवाएँ, लोन दिलवाना, लोन से संबंधित सेवाएँ आदि हैं। यहाँ तक कि वे घर बैठे ग्रामीणों के बैंक से संबंधित काम भी निपटाएँगी।
योजना से जुड़ी शर्तें इस प्रकार है- आवेदक महिला उत्तर प्रदेश की मूल निवासी होनी चाहिए। वह दसवीं पास होनी चाहिए। उसकी आयु 18 से 50 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। वह बैंकिंग सेवाओं व कामकाज को समझ तथा पढ़-लिख सके। आवेदक महिला पैसों का लेन-देन करने में सक्षम होनी चाहिए। उसको इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चलाने की समझ होनी चाहिए। इच्छुक महिलाएँ यूपी बीसी सखी ऐप के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं।