'जान' भी 'जहान' भी और ''लोक बल'' की ''लोक पहल ''
यह अचानक ही हुआ कि पिछले 2 वर्षों के दौरान ही स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे ;चाहे वह आम व्यक्ति हो या सरकार के लिए पहले पायदान पर आ गए जो अब तक सबसे निचले पायदान पर थे।
एक आम व्यक्ति अपने खर्च के पोर्टफोलियो में खाद्यान्न ,कपड़े ,आवास के अलावा शायद ही स्वास्थ्य के मामलों को तरजीह देता रहा हो । लेकिन कोविड-19 के बाद यह क्रम बिल्कुल उलट गया है। इस तरह आम व्यक्ति के जीवन में इस महत्वपूर्ण बदलाव के लिए आम व्यक्ति के लिए और सरकार की कितनी तैयारियां हैं यह इस पड़ताल का वक्त है ?
कोविड-19 के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ''अच्छा पैसा देना अच्छे इलाज की गारंटी नहीं'' इसका आशय यह है कि राज्य की भूमिका स्वास्थ्य के प्रति बदलाव की ओर इंगित करती है। यह स्वास्थ्य के प्रति हमारी संवेदनशीलता के बदलाव की दरकार का वक्त है। विकासशील और अधिक मानव पूंजी वाले देशों में स्वास्थ्य के लिहाज से मेरिट वस्तु के रूप में स्वास्थ्य ''आऊट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडिचर '' की श्रेणी में आता है। भोजन, आवास और शौचालय, पानी जैसी समस्याओं से जूझते लोग स्वास्थ्य को बमुश्किल से हाशिए से मुख्य पृष्ठ पर ला पाते हैं। स्वास्थ्य पर होने वाले बजट की कमी की लिहाज से भारत 189 देशों की सूची में 179 स्थान रखता है।भारत में ओ पी डी /आई पी डी दोनों ही लिहाज़ से प्रति व्यक्ति डॉक्टर की उपलब्धता की कमी है / इस मामले में सबसे अधिक "लोक बल" वाले उत्तर प्रदेश राज्य के लिए यह एक चुनौती है । यदयपि उत्तर प्रदेश सरकार ने अंत्योदय की अवधारणा को उद्देशिका मानते हुए संविधान की तरह इसका परिपालन सुनिश्चित किया । यही कारण कि है आज उत्तर प्रदेश के ज़िले कोविड 19 की प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए टीकाकरण में अग्रणी हैं और न्यूनतम डेथ रेट पर कायम हैं । इसका कारण 8 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण और 9 दिन 1 करोड़ से अधिक का टीकाकरण शामिल है । लोक पहल के माध्यम से हम उपभोक्ता के रूप में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की आशा रखते हैं लेकिन यह हमारी जागरूकता हमारे उत्तरदायित्व एवं हमारी भागीदारी पर भी निर्भर करता है।आइए लोक पहल को लोक टीकाकरण तक ले जाएं । खाते मिज़ाज की पंक्तियों के साथ गुनगुनाएं!
शहर से खुशियों का गौना चला गया
कोई तो आकर कह दे शहर से कोरोना चला गया
डॉ हर्ष मणि सिंह
अर्थशास्त्री
One thought on “जान भी जहान भी और लोक बल की लोक पहल”
समसामयिक परिस्थितियों और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं पर बड़ा सारगर्भित और प्रासंगिक आलेख लिखा हर्षमणि जी ने !
साधुवाद 🙏