कृषि क्षेत्र को उन्नत करने की दिशा में योगी सरकार द्वारा कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं। उत्तर प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को सहायता देने के लिए एकमुश्त समाधान योजना की शुरूआत की गई। यह योजना उन गरीब किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए शुरू की गई है जिन्होंने अपनी कृषि भूमि पर या उससे संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बैंकों से ऋण तो ले लेते हैं परंतु संसाधनों की कमी के चलते अपने ऋण और उससे जुड़े ब्याज को समय पर चुकाने में असफल रहते हैं। इसके अलावा किसानों को कई बार वर्षा, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं व अन्य कारणों की वजह से ऋण का भुगतान नहीं कर पाते हैं। इसी बात को ध्यान रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के तत्वाधान में इस योजना का आरंभ किया गया।
इस योजना के माध्यम से यदि कृषक भाई ऋण का एकमुश्त भुगतान करते हैं तो उन्हें 35 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की ब्याज दर में छूट सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इस योजना को आरंभ करने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को लाभ पहुँचाना व उन्हें ऋण चुकाने के लिए प्रोत्साहित करना है तथा बैंकों की एनपीए दर को कम करना है। इस योजना के माध्यम से यदि किसान एकमुश्त ऋण का भुगतान करते हैं तो उनको ब्याज दर में 35 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जाती है। इससे किसान भाइयों को ऋण चुकाने के लिए कम राशि देनी पड़ती है। इस योजना के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा तथा वे आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनेंगे।
उत्तर प्रदेश एकमुश्त समाधान योजना के माध्यम से लगभग 2.63 लाख से भी ज्यादा किसानों को लाभ पहुँचेगा । सरकार द्वारा इस योजना को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पहली श्रेणी, जिन किसानों पर 31 मार्च 1997 से पहले का ऋण शेष है और वे इस ऋण को चुका नहीं पा रहे हैं। इस योजना के तहत उन पर देय पूरा ब्याज माफ कर दिया जाएगा। दूसरी श्रेणी में, जिन किसानों ने एक अप्रैल 1997 को या उसके बाद 31 मार्च 2007 तक ऋण लिया है, उन्हें इस तरह ब्याज में छूट दी जाएगी। जिन मामलों में वितरित ऋण राशि के बराबर या अधिक ब्याज की वसूली कर ली गई है, उनमें शेष मूलधन लिया जाएगा। जिन मामलों में वितरित ऋण राशि से कम ब्याज की वसूली की गई उनमें वितरित ऋण राशि की सीमा तक (पूर्व में वसूल ब्याज को घटाते हुए) शेष ब्याज व शेष मूलधन की वसूली की जाएगी।
तीसरी श्रेणी में, जिन किसानों ने 1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2012 तक ऋण लिया है तो उन्हें तीन तरीके से छूट दी जाएगी। पहली कर्जदार किसानों पर देय पूरे मूलधन की शत-प्रतिशत वसूली की जाएगी। दूसरा, योजना शुरू की तिथि से 31 जुलाई 2018 तक के मध्य समझौता कर खाता बंद करने पर ब्याज में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। तीसरा, 1 अगस्त 2018 से 31 अक्टूबर 2018 के मध्य समझौता कर खाता बंद करने पर ब्याज में 40 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। एक नवंबर 2019 से 31 जनवरी 2020 के मध्य समझौता कर खाता बंद करने पर ब्याज में 35 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश एकमुशत समाधान योजना में आवेदन करने के लिए उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होने के साथ-साथ आपके पास निम्न दस्तावेज होने चाहिए- आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जमीन के कागजात, बैंक अकाउंट पासबुक, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो। इस योजना का आवेदन जन सेवा केंद्र (ऑनलाइन) तथा निकटवर्ती उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की शाखा से आवेदन पत्र भरकर (ऑफलाइन) कर सकते हैं।