भारत सरकार अपनी ई-हेल्थ यात्रा में टेलीमेडिसिन इंटरनेट का उपयोग करते हुए दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। यह सेवा समय और धन की बचत करने के साथ साथ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को बढ़ाती है। भारत जैसे विकासशील देश में ई-संजीवनी सेवा की शुरूआत एक मील का पत्थर है। कोविड-19 महामारी के दौरान ई-संजीवनी ने स्वास्थ्य सेवाएं देकर देश में डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम को प्रोत्साहित किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ई-संजीवनी पहल 28 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में दो प्रकार की सेवाएं दे रही है:
- ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी सेवा, जो डॉक्टर से डॉक्टर की टेलीपरामर्श है और इसका उपयोग लगभग 6,000 स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों में किया जा रहा है। राज्यों द्वारा जिला अस्पतालों या मेडिकल कॉलेजों में लगभग 240 हब बनाए गए हैं जिनमें विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस सेवा के इस्तेमाल के लिए 20,000 से अधिक पैरामेडिक, डॉक्टर तथा विशेषज्ञ प्रशिक्षित किए गए हैं।
- ई-संजीवनी ओपीडी सेवा, जो दूरदराज अपने घरों में रह रहे रोगियों को दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। ई-संजीवनी ओपीडी डॉक्टर और रोगी के बीच सम्पर्क रहित, जोखिम मुक्त तथा सुरक्षित चिकित्सा परामर्श है। ई-संजीवनीओपीडी के लिए लगभग 8,000 डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया है। 225 ऑनलाइन ओपीडी, जिनमें 190 विशेषज्ञता वाली तथा 30 सामान्य हैं; 1500 डॉक्टर प्रतिदिन टेलीमेडिसिन सेवा दे रहे हैं।