छोटे व्यापार और उद्यम के लिए बैंकों से 50 हजार रुपये से 10 लाख रुपये तक की पूंजी ऋण के रूप में उपलब्ध करायी जाती है। उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 39 लाख उद्यमी लाभान्वित।
प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के तहत 60 वर्ष की आयु होने पर लघु व्यापारी को न्यूनतम 3000 रुपये मासिक पेंशन।
स्टार्ट अप इंडिया तथा स्टैंड अप इंडिया योजना का उद्देश्य भारत में बिजनेस के सभी क्षेत्रों में नये उद्यमों को प्रोत्साहित करना है। अब तक उत्तर प्रदेश में 3400 स्टार्ट अप प्रोजेक्ट्स प्रारम्भ हो चुके हैं।
05 वर्ष के सम्भावित भू-उपयोग को देखते हुए कृषक भूमि से गैर-कृषक भूमि घोषित करने का प्रावधान किया गया।
प्रदेश में निजी भूमि को पट्टे पर देने के लिए नियमों में शिथिलता।
ग्रेटर नोएडा में 100 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ई.एम.सी.) का विकास।
‘निवेश मित्र पोर्टल’ की स्थापना, 327 सेवाएं शामिल। उद्यमियों से 4.32 लाख आवेदन प्राप्त हुए। 4.10 लाख आवेदनों का निस्तारण हुआ।
स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन एवं विश्वस्तरीय पहचान दिलाने के लिए एक जनपद-एक उत्पाद योजना लागू हुई।
12.5 एकड़ से अधिक गैर कृषि भूमि क्रय करने हेतु शासन से अनुमति की प्रक्रिया सरल हुई। अब 50 एकड़ तक की अनुमति जिलाधिकारी तथा 100 एकड़ तक की मण्डलायुक्त दे सकते हैं। इससे अधिक भूमि के लिए ही शासन की अनुमति आवश्यक होगी।
गाटों का यूनिक कोड: समस्त गाटों को एक यूनिक कोड देते हुए भूलेख पोर्टल (खतौनी), निबंधन विभाग, राजस्व न्यायालय (कम्प्यूटरीकृत), प्रबन्धन प्रणाली एवं भू-नक्शा पोर्टल से लिंक किया गया।
डिफेंस कॉरीडोर के अलीगढ़ नोड में 1245 करोड़ रु. का निवेश।
अब कोई भी खातेदार कृषि कार्य के लिए 15 वर्ष तक तथा सौर ऊर्जा के लिए 30 वर्ष के लिए अपनी भूमि पट्टे पर दे सकता है।
इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रु. के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित।
03 लाख करोड़ रु. के निवेश की 371 परियोजनाएं क्रियान्वित। 5 लाख लोगों को रोजगार।
वर्तमान में कुल 4,000 से अधिक स्टार्ट अप इकाइयां एवं 37 इन्क्यूबेटर्स कार्यरत।
अब कोई भी खातेदार कहीं से भी एक क्लिक पर भूमि के बन्धक, राजस्व न्यायालय में विवादित/वादग्रस्त होने या उसके बिके होने की स्थिति पता कर सकता है।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज में 12.91 लाख इकाइयों को 42 हजार 700 करोड़ रु. के ऋण वितरित।
पी.एम.स्वनिधि योजना में 8 लाख 80 हजार स्ट्रीट वेन्डर्स को व्यवसाय हेतु प्रति व्यक्ति 10,000 रु. का ऋण बिना-गारंटी के दिया गया। इस प्रकार स्वरोज़गारी वर्ग को सूदखोरों के चंगुल में फंसने से बचाया गया। इस योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश देश में प्रथम रहा।
डिफेन्स इण्डस्ट्रियल मेन्यूफेक्चरिंग कॉरीडोर का कार्य गतिमान। 50 हजार करोड़ रु. के निवेश से 5 लाख रोजगार सृजित होंगे।
अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, ई-बे, सिडबी, एकेटीयू, क्यूसीआई, एसबीआई, बीओबी, एनएसई, बीएसई, के साथ उत्पादों की मार्केटिंग, फाइनेंसिंग आदि। इससे 65 हजार लोगों को रोजगार।
नये उद्यमों को विभिन्न लाइसेंस स्वीकृतियां 72 घण्टे में प्रदान करने की व्यवस्था। 1000 दिवसों तक उद्यम को निरीक्षण से मुक्त रखा जायेगा।
डिफेन्स कॉरिडोर के लिए 74 सहमति पत्र हस्ताक्षरित। अब तक 11,933 करोड़ रु. का निवेश।
उ0प्र0 में स्थापित किये जा रहे डिफेंस कॉरिडोर के सभी 06 नोड्स,लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी एवं चित्रकूट में कार्य प्रारम्भ हुआ। जनपद कौशाम्बी में 87 करोड़ रुपये लागत की 99 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
झांसी नोड में रानी लक्ष्मीबाई की जयन्ती के अवसर पर भारत डायनामिक्स लि0 की रक्षा उपकरण इकाई का शिलान्यास हुआ।
अलीगढ़ नोड में स्थापित की जा रही रक्षा इकाइयों की स्थापना प्रगति पर। इस नोड में डेढ़ दर्जन से अधिक कम्पनियां सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं। यहां पर छोटे हथियार, ड्रोन, एयरोस्पेस, मेटल कम्पोनेंट, डिफेंस पैकेजिंग के लिए नये उद्योग लगाये जा रहे हैं। इन इकाइयों से ‘मेक इन इण्डिया, मेड फॉर वर्ल्ड’ को बढ़ावा मिलेगा।
लखनऊ में रक्षा प्रौद्योगिकी एवं परीक्षण केन्द्र और ब्रम्होस विनिर्माण केन्द्र का शिलान्यास हुआ। यहां बनने वाली मिसाइलें न केवल रक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति करेंगी, बल्कि भारत की सुरक्षा पंक्ति को और सुदृढ़ करने व रोजगार सृजन का बेहतरीन माध्यम बनेंगी।
एम0एस0एम0ई0 सेक्टर को पुनर्जीवित एवं गतिशील हुआ। राज्य ने प्रदेश व देश की आवश्यकता प्रतिपूर्ति के अलावा 1.21 लाख करोड़ रुपये के एम0एस0एम0ई0 उत्पादों का सम्पूर्ण विश्व में निर्यात भी किया।
जनपद आगरा में भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की के पैतृक गांव बटेश्वर धाम में सांस्कृतिक संकुल घाटों का निर्माण, पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण सहित 230 करोड़ रु0 की 11 योजनाओं का शिलान्यास/लोकार्पण हुआ।
बहराइच में 30 करोड़ रु0 से अधिक की 87 परियोजनाओं का शिलान्यास तथा 05 करोड़ 35 लाख रु0 से अधिक धनराशि की 11 परियोजनाओं का लोकार्पण।
जनपद फर्रुखाबाद में ₹196 करोड़ की 174 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास।
औद्योगीकरण हेतु कृषि भूमि को गैर-कृषक भूमि घोषित कराने के लिए नियमों का शिथिलीकरण किया गया है।
जनपद प्रयागराज में लगभग 158 करोड़ रु0 लागत की 31 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया।