लोक पहल द्वारा “दलित उत्थान में योगी सरकार का योगदान” विषय पर 5 दिसंबर 2021 को ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता: श्री मिथिलेश कुमार (उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जन जाति आयोग) रहें।
वक्तागण एवं विचार माला
डॉ अखिलेश त्रिपाठी: अखिलेश जी ने कहा भले ही डॉ भीमराव आंबेडकर के अपने समकालीन नेताओं/विद्वानों से वैचारिक मतभेद रहे हों, भारतीय संविधान को लिखते समय वे समरसता और राष्ट्रहित पर ही केंद्रित रहे। फिर ऐसा क्या हुआ कि दलित समाज देश की मुख्यधारा से इतर होता गया और दलितों के बारे में नए सिरे से सोचने की आवश्यकता पड़ी ? कदाचित राज्य प्रशासन और आमनागरिक के बीच `लोकशिक्षण’ भी आवश्यकता थी जिस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
श्री मिथिलेश कुमार (मुख्य वक्ता): मिथिलेश जी ने कहा कि दलित चेतना को राष्ट्रीय चेतना से जोड़ने के राजकीय प्रयास प्रशंसनीय हैं। पूर्व में दलित अनुदान राशि का बड़ा भाग बिचौलियों द्वारा हड़प लिया जाता था। मगर योगी आदित्यनाथ जी ने अनुदान को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेज कर इस कुप्रथा को समाप्त किया। दलितों के विवाह अनुदान में अर्थपूर्ण अभिवृद्धि हुई। राज्य प्रशासन से मेरा अनुरोध है कि निराश्रित पेंशन राशि को 500 रुपये प्रति माह से बढ़ा कर 1000 रुपये प्रति माह किया जाय। निजि मेडिकल एवं इंजिनीरिंग कालिजों की फीस दलित छात्रों के सामर्थ से परे है। यदि राज्य प्रशासन यह फीस सीधे सम्बंधित कॉलेज /यूनिवर्सिटी को भेज सके तो दलित समाज के युवा अधिक संख्या में डॉक्टर और इंजीनियर बन सकेंगे। आज दलित युवा बिना किसी अनुसंशा / सिफारिश के, केवल अपनी योग्यता के आधार पर ही, सफाई कर्मचारी से ले कर उच्च प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति पा रहे हैं। इसका श्रेय योगी सरकार की दलित उत्थान नीतियों को जाता है।
कार्यक्रम का पूरा वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दिया गया है, देखने के लिए निचे दिए लिंक पर क्लिक करें।