प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान योजना) में उत्तर प्रदेश के 1.18 करोड़ गरीब परिवारों के करीब 6 करोड़ 47 लाख लोगों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया गया, 1.15 करोड़ गोल्डन कार्ड जारी किए गए।
जन औषधि केन्द्र: उत्तर प्रदेश में 11,004 जन औषधि केन्द्र स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती औषधियां उपलब्ध करायी जा रही हैं। भारत सरकार द्वारा देश में 22 नये एम्स एवं 75 नये मेडिकल कॉलेज खोलने के क्रम में उत्तर प्रदेश के जनपद गोरखपुर एवं रायबरेली में एम्स की स्थापना। 59 जनपदों में न्यूनतम 01 मेडिकल कॉलेज क्रियाशील। 16 जनपदों में पी.पी.पी. मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना की प्रक्रिया प्रारम्भ।
मिशन इंद्रधनुष योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में बच्चों का टीकाकरण लगभग शत-प्रतिशत हुआ। कोरोना से बचाव के लिए अब तक 9 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण। कोविड जांच के लिए 234 प्रयोगशालाएं स्थापित। उत्तर प्रदेश 8 करोड़ से अधिक कोविड जांच करने वाला एवं प्रतिदिन 2.75 लाख कोरोना जांच करने वाला देश का पहला राज्य बना।
प्रत्येक जनपद में ट्रूनेट जांच सुविधा, वेंटिलेटर, पल्स ऑक्सीमीटर, पी.पी.ई किट व ऑक्सीजन उपलब्ध।
सरकारी क्षेत्र की 62 प्रयोगशालाओं में आर.टी-पी.सी.आर. विधि से जांच।
राजकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क उपचार की संतोषजनक व्यवस्था।
सभी मेडिकल कॉलेजों एवं जिला चिकित्सालयों में आइसोलेशन वार्ड बनाये गए। 1.80 लाख कोविड बेड उपलब्ध।
कोविड टेस्ट सेंटर की जानकारी के लिए ‘मेरा कोविड केन्द्र’, कोविड-19 से बचाव हेतु जानकारी के लिए ‘आयुष कवच’ तथा फ्रन्ट लाइन कोरोना वारियर्स को संक्रमण से बचाने के लिए ‘चिकित्सा सेतु’ एप लांच हुए।
चिकित्सकों की सेवानिवृति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष की गयी।
सर्विलान्स तथा होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित लोगों के लिए इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर की स्थापना।
सभी जनपदों में नियंत्रण कक्ष एवं कॉल सेंटर स्थापित हुए।
कोरोना से रिकवरी रेट 98.7% से अधिक हुआ।
निजी लैब में 600 रु. में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा सुलभ हुई।
लखनऊ में प्लाज्मा बैंक की स्थापना।
64,000 से अधिक कोविड हेल्प डेस्क स्थापित।
टीकाकरण के लिए 2.50 लाख लीटर स्टोरेज क्षमता के 1300 वैक्सीन कोल्ड स्टोरेज स्थापित।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 42.19 लाख लोगों को बीमा कवर।
प्रत्येक रविवार को सभी पी.एच.सी./ सी.एच.सी केन्द्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों का आयोजन।
59 जनपदों में न्यूनतम 01 मेडिकल कॉलेज क्रियाशील। 16 जनपदों में पी.पी.पी. मॉडल पर मेडिकल कॉलेज स्थापना का कार्य शुरू हुआ।
अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ का निर्माण प्रारम्भ।
गोरखपुर एवं रायबरेली में एम्स की स्थापना।
गोरखपुर में महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण प्रारम्भ।
7 नये मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई प्रारम्भ । एम.बी.बी.एस.की 938 सीटें बढ़ी।
05 जिला चिकित्सालयों (अयोध्या, बहराइच, बस्ती, फ़िरोज़ाबाद एवं शाहजहांपुर) को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज बनाया गया।
14 नये मेडिकल कॉलेजों की ओ.पी.डी. में इलाज शुरू।
आर.एम.एल. आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम प्रारम्भ।
बदायूं एवं ग्रेटर नोएडा में एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई प्रारम्भ। एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर एवं मिर्जापुर में नये मेडिकल कॉलेजों का निर्माण।
एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को 15 मिनट करने के लिए 108 का विस्तार कर 2200 एम्बुलेंस संचालित किये।
प्रदेश में कुल 3500 स्वास्थ्य उपकेन्द्र, 3010 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 592 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित।
गम्भीर रोगियों के लिए 250 ए.एल.एस. एम्बुलेंस संचालित।
गरीबों के निःशुल्क इलाज हेतु ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष’ का गठन।
55 जनपदों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा। 66 जनपद चिकित्सालयों में निःशुल्क सी.टी. स्कैन की सुविधा।
एस.जी.पी.जी.आई. लखनऊ में स्टेम सेल रिसर्च सेन्टर, बोन मैरो ट्रांसप्लांट सेन्टर, लीवर ट्रांसप्लांट सेन्टर एवं 60 बेड का ट्रॉमा सेन्टर क्रियाशील। रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत, इमरजेन्सी मेडिसिन एवं रीनल ट्रांसप्लांट सेन्टर निर्माणाधीन।
एस.जी.पी.जी.आई. में इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के नाम से एक नये उपक्रम की स्थापना।
एस.जी.पी.जी.आई. लखनऊ में लेवल-3 बायो सेफ्टी लैब की स्थापना।
के.जी.एम.यू में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अंतर्गत बर्न एवं रिकंस्ट्रक्टिव यूनिट की स्थापना।
के.जी.एम.यू. में प्रदेश के प्रथम इण्टीग्रेटेड स्पाइन सेन्टर एवं स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग, आर्थोप्लास्टी युनिट, पीड्रियाट्रिक विभाग, ऑर्थोपीडिक विभाग तथा प्रदेश का पहला ह्यूमन मिल्क बैंक स्थापित हुए।
कैंसर के इलाज हेतु सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान -लखनऊ की स्थापना। वर्तमान में इसे 54 बेड के साथ संचालित किया जा रहा है, कालान्तर में इसे 500 एवं तदुपरांत 1200 बेड तक का बनाया जायेगा।
ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन एन्ड्रायड बेस एप्लीकेशन के माध्यम से कोविड-19 महामारी के दौर में रोगियों को घर बैठे चिकित्सकों से निःशुल्क परामर्श मिली। ई-संजीवनी प्लेटफार्म के माध्यम से अब तक 9.16 लाख टेली कन्सल्टेशन पूर्ण हो चुके हैं। इनमें से 7,93,771 लाभार्थियों को ई-संजीवनी ओ0पी0डी0 एवं 1,22,073 लाभार्थियों को ABe-sanjeevani.in (Hub and spoke Model) के माध्यम से परामर्श प्रदान किया जा चुका है। 593 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 250 ई-नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 75 अर्बन हेल्य कियोस्क स्थापित किय गये हैं। 08 चिन्हित चिकित्सालयों में 10 विषयों में DNB कोर्स संचालित। वित्तीय वर्ष 2021-22 में एन0बी0ई0 के द्वारा 10 विशेषज्ञों के लिए 37 सीटें स्वीकृत की गईं। वर्तमान में 86 जूनियर रेजिडेंट अध्ययन कर रहे हैं। 59 जनपदों में न्यूनतम 1 मेडिकल कॉलेज क्रियाशील तथा 16 जनपदों में पी.पी.पी. मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना का कार्य प्रारम्भ हुआ।
जब कोरोना का कहर रोजी-रोटी और अर्थव्यवस्था पर वज्रपात की तरह आया था, लाखों कामगार अचानक प्रदेश लौटने लगे थे। सबको उनके घरों तक पहुंचाने हेतु मुफ्त ट्रांसपोर्ट, राशन,दवा व चिकित्सा सुविधा के साथ रोजगार भी उपलब्ध कराये गये। गरीब भूखे पेट न सोये, इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को नवम्बर 2021 तक के लिए प्रति माह प्रति युनिट 5 कि0ग्रा0 अतिरिक्त मुफ्त-राशन दिया गया। प्रदेश सरकार ने भी 15 करोड़ पात्र लोगों को (अन्त्योदय कार्ड धारकों को प्रति राशन कार्ड 35 कि0ग्रा0 तथा पात्र गृहस्थ कार्डधारकों को प्रति यूनिट 5 कि0ग्रा0) तीन माह तक निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया।
ऑस्ट्रेलियाई सांसद क्रेग केली ने कहा है कि जिस प्रकार से योगी आदित्यनाथ ने कोरोना को अपने प्रभावशाली प्रबंधन से मात दी है, वे हमें (ऑस्ट्रेलिया वासियों को)भी अव्यवस्था से उबार सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के मंत्री श्री जेसन वुड ने भी अपने ट्वीट में योगी जी के कुशल कोविड प्रबंधन की प्रशंसा की है। वुड ने लिखा है: भविष्य में हम उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर सांस्कृतिक और विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर जब संकट बनकर आयी तो भी योगी जी ने बिना विचलित हुए मोर्चा संभाला। बेहतर प्रबंधन से कोविड टीकाकरण में उत्तर प्रदेश 09 करोड़ से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन करके देश में प्रथम स्थान पर है।
गोरखपुर और आस पास के क्षेत्र जापानी इंसेफलाइटिस से मुक्त हुए।
आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर जिले में 02 दिवसीय आयुष मेले का आयोजन प्रारम्भ।
जनपद उन्नाव, श्रावस्ती, गोरखपुर, हरदोई, सम्भल, मीरजापुर में 50-50 शैय्या वाले एकीकृत आयुष चिकित्सालय, राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज एवं चिकित्सालय, अयोध्या, और 250 राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी/आयुष-हेल्थ वेलनेस सेण्टर का शिलान्यास हुआ।
जनपद लखनऊ, कानपुर नगर, कानपुर देहात, संतकबीरनगर, ललितपुर, कौशाम्बी, सोनभद्र तथा देवरिया में 50-50 शैय्या वाले एकीकृत आयुष चिकित्सालय एवं 500 आयुष-हेल्थ वेलनेस सेण्टर का लोकार्पण हुआ।
दूसरों प्रदशों की तुलना में अब तक 19 करोड़ से अधिक टीकाकरण कर यूपी सर्वाधिक टीकाकरण करने में देश में पहले पायदान पर है। यूपी में 19 करोड़ से अधिक टीके की डोज दी जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश सरकार के कोविड मैनेजमेंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में भारत वर्ष में 100 करोड़ से अधिक टीकाकरण हो चुका है। यह आत्मनिर्भर भारत के सामर्थ्य की एक झांकी है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि ‘सशक्त नेतृत्व’ के महत्व को प्रकट करती है।