श्रमिक कल्याण

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को रुपये 3000 मासिक पेंशन की सुविधा दी गई है। उत्तर प्रदेश में अब तक 6 लाख 14 हजार श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है।

श्रम विभाग की विवाह योजना: पंजीकृत निर्माण श्रमिक (महिला एवं पुरुष) की अधिकतम दो पुत्रियों हेतु 75 हजार रु. अनुदान की व्यवस्था। अब तक 61805 श्रमिक लाभान्वित हुए।

संत रविदास शिक्षा सहायता योजना में निर्माण श्रमिकों की 9वीं, 10 वीं, 11वीं एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण पुत्रियों को साइकिल देने का प्रावधान।

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में 06 लाख 20 हजार 353 लाभार्थी पंजीकृत। 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके श्रमिकों को प्रतिमाह 1000 रु. की पेंशन। अब तक एक करोड़ से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण।

कार्यस्थल पर श्रमिक की मृत्यु होने पर 05 लाख रु., स्थायी विकलांगता पर 03 लाख रुपये एवं आंशिक विकलांगता पर 02 लाख रुपये की सहायता का प्रावधान। श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के लिए सभी 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना।

मजदूर, श्रमिक, कुली, पल्लेदार और रेहड़ी वाले, वे पंजीकृत हो या न हों, सभी को  500 रुपये प्रतिमाह की सीमित-अवधि  सहायता। सालाना पांच लाख रुपये का चिकित्सा बीमा जो चिकित्सा सेवा के लिए आयुष्मान योजना के तहत छह करोड़ लोगों को दिया जा रहा है; उसमें अब साढ़े तीन करोड़ श्रमिकों को भी जोड़ा जा रहा है। सरकार आने वाले समय में आशावर्कर, एएनएम, रसोइयां और स्ट्रीट वेंडर समेत अन्य लोगों को भी इस योजना से जोड़ेगी।

असंगठित क्षेत्र के करीब ढाई करोड़ मजदूरों और करीब 60 लाख पंजीकृत मजदूरों को दिसंबर माह से मार्च तक मिलेगा पांच सौ प्रति माह। 

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( उ.  प्र.)  चुनावी  सर्वेक्षण  2022
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