किसान सेवा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: उत्तर प्रदेश में 2 करोड़ 21 लाख 95 हजार किसानों का पंजीकरण करते हुए 27.56 लाख किसानों को रू. 2376 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अन्तर्गत प्रदेश में किसानों को 3.76 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित।

प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना में बीमित किसान (पुरूष एवं स्त्री) के लिए 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर रूपये 3 हजार की मासिक पेंशन देने की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश में अब तक 2 लाख 52 हजार 239 किसानों को इसका लाभ दिया जा चुका है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अब तक 02 करोड़ 53 लाख 98 हजार किसानों के खाते में कुल मिला कर 37,521 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये गए हैं।

36 हजार करोड़ रु. से 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को ऋण मुक्त कराया गया।

कृषि निवेशों पर देय रू. 2151.30 करोड़ अनुदान राशि किसानों के खाते में हस्तांतरित की गयी।

वर्ष 2020-21 में 66.83 लाख मै0 टन धान तथा 1.06 लाख मै0 टन मक्का की खरीद की गयी जो लक्ष्य से डेढ़ गुना ज्यादा है।

2399 लाख मैट्रिक टन कृषि उत्पादन।

मंडी शुल्क 1 प्रतिशत घटाया गया।

प्रदेश की 27 मण्डियों का आधुनिकीकरण।

3.76 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं 1 करोड़ 66 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये गए।

राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में 125 मण्डियों के माध्यम से 7131 करोड़ रु. का व्यापार हुआ।

 

20 कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना हुई।

एम.एस.पी. में लगभग दो गुना तक वृद्धि। किसानों से 435 लाख मै० टन खाद्यान्न क्रय कर रु.79,000 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया।

45 कृषि उत्पाद मंडियां शुल्क से मुक्त।

‘द मिलियन फारमर्स स्कूल’ में 63.77 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया।

उत्तर प्रदेश किसान सम्मान समृद्धि आयोग का गठन।

27 मंडियों में कोल्ड चैम्बर और राइपनिंग चैम्बर का निर्माण।

उच्च गुणवत्ता के फल एवं सब्जी के पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु हापुड़, मऊ, बहराइच, अलीगढ़, फतेहपुर, रामपुर एवं अम्बेडकर नगर में 7 मिनी सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये गए।

‘मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन मण्डी समिति’ के व्यापारी एवं आढ़ती हेतु दुर्घटना सहायता योजना तथा ‘मुख्यमंत्री मण्डी स्थल/उप मण्डी स्थल अग्नि दुर्घटना सहायता योजना’ लागू की गयी।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए रू. 500 करोड़ का प्रावधान। पट्टेदारों/ बटाईदारों को भी लाभ।

गन्ना किसानों को सुविधाएं: पूर्व स्थापित खाण्डसारी इकाइयों के पुनर्संचालन हेतु निःशुल्क लाइसेंस नवीनीकरण। 476 लाख मै० टन चीनी का रिकार्ड उत्पादन। 125 ई- मंडियों की स्थापना से 87 लाख किसान एवं 34 हजार व्यवसायी मंडियों से जुड़े।

45.44 लाख किसानों को 1,44 लाख करोड़ रू. गन्ना मूल्य का रिकार्ड भुगतान हुआ। पिपटाइच, मुण्डेरवा एवं रमाला चीनी मिलों की पुर्नस्थापना सहित प्रदेश की 20 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण एवं विस्तार किया गया।

वर्ष 2021-22 में गेहूँ की इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (E-POP) के माध्यम से पारदर्शी खरीद। गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित हुआ।

धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि। कॉमन धान 1940 रु. प्रति क्विंटल तथा ग्रेड ए का मूल्य रू.1960 प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ। प्रति क्विंटल उतराई-छनाई हेतु 20 रुपये अतिरिक्त भुगतान की व्यवस्था हुई।

267 नई खाण्डसारी इकाइयों के लाइसेंस स्वीकृत किये गए जिससे 66,450 टी.सी.डी. अतिरिक्त पेराई क्षमता बढ़ी एवं 30,250 रोजगार सृजित हुए।

वर्ष 2020-21 में न्यूतम समर्थन मूल्य योजना के तहत 13,01,705 किसानों से 56.41 लाख मै0 टन गेहूं की रिकार्ड खरीद की गयी।

वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 66.83 लाख मै0 टन धान की खरीद हुई जो प्रदेश में अब तक की सर्वाधिक खरीद है।

एम.एस.पी. के अन्तर्गत लगभग रु.79,000 करोड़ से 435 लाख मै० टन खाद्यान्न की खरीद हुई। इसमें गेहूं, धान और मक्का शामिल हैं।

किसानों को फसल का मुआवजा देने के लिए 471.77 करोड़ रूपये जारी । इससे  प्रदेश के प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 13.45 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।

धान खरीद में नया मुकाम हासिल। धान खरीद के लिए प्रदेश में 139 केन्द्र बढ़ाए गए हैं। खरीफ सीजन 3,09,966 किसानों से 21.954 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई। मूल्य राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी गई। 

अयोध्या को जल मार्ग से  जायेगा जिससे  यहां के किसान अपने उत्पादों को देश और दुनिया में बेच सकेंगे।

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( उ.  प्र.)  चुनावी  सर्वेक्षण  2022
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