उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में भ्रूण हत्या रोकने और लिंगानुपात को नियंत्रित करने के उदेश्य से भाग्य लक्ष्मी योजना को शुरू की गई है। यह योजना बेटी के जन्म से लेकर के उसके 21 वर्ष की आयु का होने तक प्रभावी रहती है। बेटी के जन्म पर उसकी माता को राज्य सरकर 5,100 रूपये की आर्थिक सहायता एवं 50 हजार रुपए के बॉन्ड देती है। योजना का लाभ लेने के लिए बेटी के जन्म के एक महीने के भीतर आंगनबाड़ी केंद्र में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।
बेटी के जन्म पर सरकार 50,000 रुपए का बॉन्ड देती है। जो 21 साल बाद मेच्योर होकर 2 लाख रुपए हो जाता है। बेटी की मां को 5100 रुपए अलग से दिए जाते हैं ताकि बेटी की शुरुआती परवरिश अच्छे से हो सके। और जब बेटी प्राथमिक शिक्षा के बाद कक्षा 6 में आजाती है, तब उसके खाते में 3,000 रुपए डाल दिए जाते हैं। कक्षा 8 में पहुंचने पर 5,000, कक्षा 10 में पहुंचने पर 7,000 रुपए, तथा 12वीं कक्षा में आने पर बेटी के खाते में 8,000 रुपए डाल दिए जाते हैं। इस प्रकार स्कूली पढ़ाई के दौरान बेटी के अकाउंट में राज्य सरकार की ओर कुल मिला कर 23 हजार रुपए आ जाते हैं ।
योजना से जुडी शर्तें इस प्रकार से हैं। आवेदक महिला उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी हो एवं उसके परिवार की वार्षिक आय 2 लाख से अधिक न हो। अर्थात परिवार गरीबी की रेखा से नीचे हो। योजना उस महिला पर लागू नहीं होगी जिसने पुत्र को जन्म दिया हो। योजना केवल कन्या के जन्म पर ही लागू होगी। यह भी आवश्यक है कि कन्या का जन्म 2006 के बाद हुआ हो एवं उसका विवाह विवाह 18 वर्ष से पहले न कर दिया जाय। योजना उन माता – पिता पर भी लागू नहीं होगी जो सरकारी कर्मचारी हैं। लाभार्ती माता पिता के लिए अपनी बेटी की पढाई सरकारी स्कूल में ही कराना अनिवार्य होगा ।